सहरसा : कोविड-19 के दौर में लोगों की सजगता ही संक्रमण से बचाव का है उपाय
सहरसा में लोगों ने जब सुना की सदी के महानायक और बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन सहित उनका परिवार कोरोना वायरस की चपेट में है तो कई लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ. इधर, केंद्रिय गृह मंत्री सहित कई प्रमुख हस्तियों के कोरोना संक्रमित पाए जाने पर लोग सकते में आ गए. ये ऐसे लोग हैं जिनके संक्रमण में आने की संभावना नहीं थी. ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि सर्वाधिक सुरक्षा अपनाने वाले इन लोगों तक संक्रमण पहुंच सकता है तो हम और आप तक क्यों नहीं. हालांकि जैसे-जैसे समय बदल रहा है लोगों की सोच बदल रही है. शहरी इलाके में रहने वाले लोग अब अपने दिनचर्या के कार्य में लौट चुके हैं, इस दौरान पूरी सतर्कता बरत रहे हैं. लेकिन इधर, ग्रामीण इलाकों में लोगों ने संक्रमण को हल्के में लेना शुरू कर दिया है. चौक-चौराहों पर नियमों की अनदेखी की जा रही है. लोग न तो पूरी तरह शारीरिक दूरी का पालन कर रहे हैं और न ही मास्क लगा रहे हैं. दुकानों और बाजारी में अक्सर भीड़ बढ़ जा रही है. यह सही संकेत नहीं हैं.
लोगों को अपनी सुरक्षा का ख्याल स्वयं रखना होगा :
कोविड-19 का प्रभाव अभी खत्म नहीं हुआ है. रोजाना नए-नए मामले निकल कर सामने आ रहे हैं. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि सूबे में लॉकडाउन छः सितंबर तक बढ़ाया जा चुका है. हालांकि लोगों की सुविधा को देखते हुए कुछ नियमों के साथ कई प्रकार की छूट भी दी जा चुकी है. यह छूट इसलिए की आम जिंदगी पटरी पर लौट सके. हालांकि अभी हालात बेहतर नहीं हुए हैं, इसलिए लोगों को अपनी सुरक्षा का ख्याल पहले रखने को कहा जा रहा है. घर से बाहर निकलने पर सावधानी बेहद जरूरी है. कोविड-19 महामारी के इस दौर में तीन चीजों (मास्क, शारीरिक दूरी और स्वच्छता) का सबको ख्याल रखना जरूरी है. वैक्सीन पर विश्व स्तर पर काम जारी है, इसलिए आपकी सतर्कता ही आपके बचाव का एकमात्र रास्ता है.
ग्रामीण इलाकों में जागरूकता पर देना होगा ज्यादा ध्यान :
कोशी युवा संघर्ष समिति के संरक्षक अभिषेक गजेंद्र मुन्ना कहते हैं कि शहरी इलाकों में लोगों तक लगातार अपडेट पहुंचता रहता है. संक्रमण के बढ़ते प्रभाव से वह अच्छी तरह वाकिफ हैं. इसलिए बेहतर और सुरक्षित माहौल में रहने की कवायद करते हैं. इससे समाज संक्रमण के बाहरी खतरों से दूर रहता है. लेकिन, ग्रामीण परिवेश में जागरूकता का अभाव है। लोगों में संक्रमण का भय आज न के बराबर है. उनकी सोच है कि संक्रमण यहां तक नहीं पहुंचेगा. ऐसे में वे आराम से घूम-टहल रहे हैं. अगर ये आज नहीं संभले तो आने वाला वक्त परेशानियों से भरा होगा.
समाज के हरेक वर्ग और व्यक्ति को आगे आकर करनी होगी पहल :
नीरज निराला, पैक्स अध्यक्ष, महारस पंचायत बताते हैं कि कोविड-19 को लेकर शहरी क्षेत्र में तो लोग सजगता बरत रहे हैं, लेकिन ग्रामीण इलाकों में इसकी कमी देखी जा रही है. गांव और चौपाल में लोग अपना खाली समय ताश आदि खेलकर व्यतीत कर रहे हैं. वहीं युवाओं का कुछ समूह फुटबॉल और क्रिकेट खेलने में व्यस्त रहता है. इस दौरान न तो शारीरिक दूरी (दो गज या छः फिट) और न ही मास्क और स्वच्छता का ही ख्याल रखा जा रहा है. यहां लोगों की भीड़ भी अक्सर बढ़ जाती है, इसलिए ऐसे जगहों पर लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. सभी की सुरक्षा के लिए समाज के हरेक वर्ग और व्यक्ति को आगे आकर पहल करनी होगी.
आपके साथ आपका परिवार और समाज भी हो सकता है प्रभावित :
आज भी कुछ लोगों की सोच यह है कि वह संक्रमण के प्रभाव में नहीं आएंगे. ऐसे में वे नियमों की अनदेखी करते हैं। जिन्हें लगता है कि वे बेहद स्वस्थ हैं, आज तक उन्हें कोई रोग नहीं हुआ है तो इस कोरोना काल में वह इस भ्रम में ना रहें. यह संक्रमण किसी को भी और कभी भी हो सकता है, अगर उसने सतर्कता नहीं बरती. साथ ही ऐसे व्यक्तियों को यह ध्यान में रखना चाहिए कि अगर वे संक्रमित हुए तो उससे उनका परिवार और परिवार से समाज तक प्रभावित हो सकता है. इसलिए आपका जागरूक रहते हुए सतर्कता बरतना न केवल आपके परिवार बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए बेहद जरूरी है.
संक्रमण से बचाव के लिए इन बातों का ध्यान रखना अब भी है जरूरी :
- जितना संभव हो मास्क पहनकर रहें, लोगों से शारीरिक दूरी बनाए रखें.
- हाथ हमेशा अच्छे से साबुन से धोते रहें और साफ-सफाई का पूरा ध्यान रखें.
- सैलून, दूकान या बाजार जाना जरूरी हो तो जाएं, लेकिन पूरी सावधानी बरतें.
- सड़कों और मोहल्लों में भीड़ न लगाएं, लोगों से बेवजह की बातचीत ना करें.
- 60 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा वाला हैंड सैनिटाइजर हमेशा अपने साथ रखें.
- बुजुर्गों को भीड़ वाले स्थानों में जाने से रोकें, जितना हो सके उन्हें सावधानी बरतने को कहें.
- परिवार के किसी सदस्य में कोरोना का कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत डॉक्टर या हेल्पलाइन पर संपर्क करें.
- बदलते मौसम और अक्सर बीमार पड़ने वालों व्यक्तियों से दूरी बनाए रखें.
- वैक्सीन का अभी भी इंतजार है, इसलिए आपकी सतर्कता ही आपका बचाव है. (राजा कुमार की रिपोर्ट).
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