पटना : बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विश्व स्तनपान सप्ताह की हुई शुरुआत
बच्चों के सर्वांगीण विकास एवं नवजात शिशु मृत्यु दर में कमी लाने एवं कुपोषण से बचाने में स्तनपान के महत्व को जन जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से प्रत्येक वर्ष विश्व स्तनपान सप्ताह मनाया जाता है. इस साल भी एक से सात अगस्त तक विश्व स्तनपान सप्ताह मनाने का निर्णय लिया गया है. इसको लेकर राज्य स्वास्थ समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने राज्य के सभी सिविल सर्जन को पत्र जारी कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया है.
बता दें कि जारी पत्र में बताया गया है कि जन्म के प्रथम एक घंटे में स्तनपान शुरू करने वाले नौ जातियों में मृत्यु की संभावना 20% तक कम हो जाती है. प्रथम छः माह तक केवल स्तनपान करने वाले शिशुओं में डायरिया और निमोनिया से होने वाली मृत्यु की संभावना क्रमश: 11 गुणा एवं 15 गुना कम हो जाती है. स्तनपान करने वाले शिशुओं की शारीरिक एवं बौद्धिक विकास में समुचित वृद्धि होती है एवं वयस्क होने पर और संचारी बीमारी के होने का खतरा कम हो जाता है. स्तनपान कराने वाली माताओं में स्तन एवं ओवरी कैंसर होने का खतरा कम रहता है. इस कार्यक्रम में समेकित बाल विकास सेवाएं निदेशालय के पदाधिकारियों की भागीदारी सुनिश्चित करने की भी अपील की गयी है. कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए जिला योजना समन्वयक को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है. इस वर्ष कोविड-19 महामारी को देखते हुए कार्यक्रम की गतिविधियों तय की गई है.
वेबीनार के माध्यम से होगा कार्यशाला का आयोजन :
कोविड 19 महामारी को देखते हुए विश्व स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम के अंतर्गत जिला स्तरीय एवं प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन वेबीनार के माध्यम से किया जाएगा. कार्यशाला का सफल आयोजन के लिए नोडल पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है.
स्तनपान कक्ष का निर्माण :
क्षेत्रीय अपर निदेशक डॉ रत्ना शरण ने बताया सभी सदर अस्पताल एवं प्रथम रेफरल इकाई को दूध की बोतल मुख्य परिसर घोषित किया जाना है. प्रत्येक स्वास्थ्य संस्थानों में स्तनपान कक्ष का स्थापना किया जाएगा. स्तनपान कक्षों को मुख्यता ओपीडी में स्थापित किया जाएगा. स्तनपान कक्ष स्वास्थ्य संस्थान में स्थापित केएमसी वार्ड के अतिरिक्त होगा तथा विश्वास संस्थानों में जल्द से जल्द स्तनपान कब से स्थापित करने का निर्देश दिया गया है. इस कार्य में यूनिसेफ से तकनीकी सहायता लिया जाएगा. स्तनपान कक्ष के निर्माण के लिए रोगी कल्याण समिति की राशि का उपयोग किया जाएगा.
स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए होगा प्रचार प्रसार :
आशा एएनएम आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान अधिक से अधिक मत आओ को शिशु के जन्म के एक घंटे के अंदर स्तनपान प्रारंभ करने में मां की सहायता करना तथा गर्भवती एवं धात्री माताओं को छः माह तक केवल स्तनपान कराने के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी.
आरोग्य दिवस पर किया जाएगा आमंत्रित :
आंगनबाड़ी सेविका एवं आशा अगस्त माह में होने वाले आरोग्य दिवस में सभी दो वर्ष तक के बच्चों की माताओं को आमंत्रित करेंगे तथा उनके द्वारा बताई गई इन्फेंट एंड यंग चाइल्ड फीडिंग के अभ्यास अभ्यास तथा उनके बच्चों के पोषण स्तर में हुए सुधार के आधार पर चिन्हित माताओं की प्रशंसा करें. संभव हो तो स्थानीय पंचायती राज संस्थाओं के महिला सदस्यों के द्वारा प्रोत्साहित किया जाए. प्रत्येक आशा विश्व स्तनपान सप्ताह के दौरान गर्भवती एवं धात्री माताओं के साथ बैठक कर स्तनपान से होने वाले लाभ एवं स्तनपान के सही तरीकों के संबंध में आवश्यक चर्चा करेंगी. साथी ही यह भी निर्देश दिया गया है कि कोविड-19 महामारी के परिपेक्ष में कोविड-19 से संभावित संक्रमित माताओं/ संक्रमित माताओं को चिकित्सक से परामर्श लेने के लिए सलाह दें तथा स्तनपान कराने के लिए प्रोत्साहित करें.
अनुश्रवण एवं मूल्यांकन :
विश्व स्तनपान सप्ताह कार्यक्रम का अनुसरण क्षेत्रीय अपर निदेशक क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक सिविल सर्जन जिला स्वास्थ समिति का अधिकारी तथा जिला प्रोग्राम पदाधिकारी आईसीडीएस के द्वारा जिला स्तर पर किया जाएगा. प्रखंड स्तर पर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी सीडीपीओ स्वास्थ्य प्रबंधक और बीसीएम तथा महिला पर्यवेक्षिका ओं के द्वारा अनुसरण किया जाएगा. जिला योजना समन्वयक गतिविधियों से संबंधित प्रतिवेदन राजस्व समिति को समर्पित करेंगे. (सेंट्रल डेस्क).
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