नवादा : खसरा-रूबैला टीकाकरण का डीएम कौशल कुमार ने किया शुभारंभ
सन्नी भगत
नवादा में भारत सरकार द्वारा चलायी जा रही जानलेवा बीमारी मिज़िल्स-रूबैला टीकाकरण का शुभारंभ मंगलवार को डीएम कौशल कुमार ने राजकीय कन्या मध्य विधालय के प्रांगण में दीप प्रज्ज्वलित कर किया. जिसमे स्कूली छात्र – छात्राओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया.
यह टिकाकरण नौ माह से लेकर 15 साल तक के सभी बच्चों को दिया जाएगा. चाहे वह बच्चा मिज़िल्स-रूबैला का टिका अभियान से पहले टिकाकरण दिवस पीआर लगवा चुका हो. वहीं यह कार्यक्रम आज 15 जनवरी 2019 से बिहार के 38 जिलो में चलाया जा रहा है.
बता दें कि भारत के 28 राज्यों में चलाए गए मिज़िल्स-रूबैला अभियान के दौरान क़रीब आठ लाख साठ हज़ार बच्चों को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया. जिसके माध्यम से दूर दराज़ के गाँवों, टोले पिछड़े इलाक़ों में सभी लक्षित बच्चों को टीकाकरण द्वारा जानलेवा बीमारी से सभी बच्चों को बचाना है.
इस अवसर पर डीएम कौशल कुमार ने बताया कि मिज़िल्स-रूबैला अभियान नवादा में शत-प्रतिशत टीकाकरण के कवरेज को प्राप्त करने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधि (मुखिया, पंचायत समितिव वार्ड सदस्य), विकास मित्र, टोला सेवक, धार्मिक प्रतिनिधि व समाज के गणमान्य लोगों से अनुरोध है कि टीका कराने के लिए लोगों को जागरूक करें व समाज में छोटे छोटे बच्चों का भविष्य , स्वास्थ्य सुरक्षित करें वहीं इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा व डेवलपमेंट पार्ट्नर्स जैसे WHO , UNICEF , CARE , UNDP व अन्य विभाग अपना अपना सहयोग दे रहे है ।
यह स्पष्ट है की बिना व्यापक पैमाने पर सामाजिक जागरूकता के इस अभियान को सफल नही बनाया जा सकता इसलिए यूनिसेफ़ , बिहार सरकार को सामाजिक जन – जागरण में पूरी मदद दे रहा है ।
वही डीएम ने बताया की खसरा के द्वारा डायरिया , निमोनिया , मस्तिक के संक्रमण से बचाव व रुबैला द्वारा बहरापन , अंधापन , हृदय सम्बंधी दोष व अन्य आजीवन विकलांगताओ से बचाव करती है । रुबैला संक्रमण से जन्मजात से जन्मजात रुबैला सिंडोम विकसित हो सकता है , जो भ्रूण व नवजात शिशुओं के लिए घातक साबित होता है व संक्रमित माता से जन्मे बच्चे में जन्मजात विकलांगता होने की संभावना बढ़ जाती है ।
इस अभियान के तहत प्रथम चरण में जिले के सभी सरकारी / ग़ैर सरकारी स्कूलो , मदरसा , मखतब में व दूसरे चरण में आंगनबाड़ी केंद्रो पर टीका दिया जाएगा वहीं इसके लिए कुल 4792 स्थल का चयन किया गया है , जिसमें 254 टीका कर्मी व 160 सुपरवाईजर लगाया गया है ताकि लक्षित बच्चों का टीकाकरण द्वारा दो जानलेवा बीमारी से सभी बच्चों को बचाना होगा .
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