छपरा : बेहतर इलाज की तलाश में नहीं जाना पड़ेगा बाहर, हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर में शुरू हुई मरीजों की उपचार
छपरा में अब बेहतर इलाज की तलाश में लोगों को अपने गांव से दूर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच जिले में संचालित हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर फिर से मरीजों की इलाज शुरू कर दी गयी है. यहां पर चिकित्सकों व एएनएम की तैनाती कर दी गयी है. अब मरीजों को इलाज के लिए सदर अस्पताल या गांव से दूर जाने के बजाय हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करायी जायेगी.
बता दें कि यहां मरीजों के लिए जरूरी परामर्श, विभिन्न तरह की जांच व दवाएं भी उपलब्ध होंगी. जिससे मरीजों को भटकना न पड़े और उन्हें एक ही जगह पर सभी सुविधाएं मिल जाए. इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयासरत है. जिला स्वास्थ्य समिति के कार्यक्रम समन्वयक रमेश चंद्र प्रसाद ने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर कार्यरत कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया गया है, जो प्रशिक्षण नहीं लिये उन्हें ऑनलाईन प्रशिक्षण दिया जा रहा है.
नि:शुल्क दवाओं के साथ बेहतर उपचार की सुविधा :
जन आरोग्य प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत योजना के तहत सुदूर ग्रामीण इलाके में हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से गंभीर व असाध्य बीमारियों से ग्रसित मरीजों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना इसका मुख्य उद्देश्य है. इसके माध्यम से ब्लड प्रेशर, शुगर तथा कैंसर के मरीजों की समय-समय पर जांच कर उन्हें आवश्यक जीवन रक्षक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही है. उन्हें बेहतर इलाज के लिए उच्च चिकित्सा संस्थानों में रेफर किया जाएगा. कैंसर, शुगर तथा ब्लड प्रेशर के मरीजों की पहचान हो जाने के बाद उन्हें नियमित रूप से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के माध्यम से ही दवाएं दी जा रही है.
गैर संचारी रोग व कैंसर पीड़ित मरीजों की स्क्रीनिंग :
सिविल सर्जन डॉ माधवेश्वर झा ने बताया कि जिले में 45 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर संचालित है. कुछ जगहों पर पर उपचार शुरू हो चुका है. बाकी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर भी मरीजों का इलाज शुरू करने के लिए संबंधित पदाधिकारियों को दिशा-निर्देश दिया गया है. उन्होने बताया कि हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर शरीर का अधिक वजन, मोटापा, हृदय रोग की बीमारियां और मधुमेह, कैंसर, सांस की बीमारियों और मानसिक बीमारियों से ग्रसित मरीजों की स्क्रीनिंग की जा रही है. लोगों को कैंसर, ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, हाइपरटेंशन व डायबिटीज जैसी बीमारियों का इलाज की सुविधा मिल रही है. इसके लिए आशा घर-घर जाकर लोगों को चिन्हित करके उनका डाटा जुटा रहीं है. इस जानकारी को अपडेट करने के लिए एक फार्मेट तैयार किया गया है. जिसको सीबैक फार्म के नाम से जाना जाता है. क्षेत्र में गैर संचारी रोग के मरीजों की पूरी जानकारी सीबैक फार्म के माध्यम से भर कर उसको अपनी एएनएम के पास जमा करती है. एएनएम और सीएचओ उसको अपने टैबलेट में अपलोड करेंगे. उसके बाद उनका उपचार किया जायेगा.
आशा बनाती है फेमिली हेल्थ फोल्डर :
समुदाय स्तर पर आशा कार्यकर्ताओं द्वारा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के पोषक क्षेत्र के सभी लोगों का सर्वेक्षण किया जाता है. सभी परिवारों के लिए फेमिली हेल्थ फोल्डर विकसित किया जा रहा है, जिसमें 30 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के सभी स्त्री-पुरुष का सीबैक (कम्युनिटी बेस्ड असेसमेंट चेकलिस्ट) फार्म के जरिए गैर संचारी रोगों हेतु रिस्क असेसमेंट किया जा रहा है. (सेंट्रल डेस्क).
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