छपरा : आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की करेंगी पहचान, सात दिनों तक चलेगा अभियान
छपरा में कालाजार उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग द्वारा विभिन्न स्तर पर कार्य किये जा रहें है. इसी कड़ी में 23 दिसंबर से जिले में कालाजार मरीज खोज अभियान की शुरूआत की जायेगी. आशा कार्यकर्ता द्वारा घर-घर जाकर कालाजार मरीजों की पहचान की जायेगी.
इस संबंध में वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अंजनी कुमार ने पत्र जारी कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिया है. जारी पत्र में कहा गया है कि रोगी खोज के दौरान 15 अथवा 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक न हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर का बड़ा होना जैसे लक्षण हो उन्ही व्यक्तियों की जांच आरके 39 किट द्वारा किये जाने हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है.
आरके39 कीट से किया जायेगा जांच :
यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का इलाज पूर्व में कराया हो फिर भी उन में बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाये जाए तो उन्हें आरके-39 किट से जांच न करते हुए बोन मैरॉव या स्पलीन जांच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाय तथा उनके नाम की प्रविष्टी रेफरल पर्ची में की जायेगी. वैसे व्यक्ति जिन्हे बुखार न हो लेकिन उनके शरीर के चमड़े पर चकता अथवा दाग हो किन्तु उसमें सूनापन न हो तथा वे पूर्व में कालाजार से पीड़ित रहे हो, वैसे व्यक्तियों को भी आरके-39 किट से जांच हेतु प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना है.
केएमआरसी के द्वारा 1000 रूपये का अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि:
सारण, सिवान एवं गोपालगंज जिलों के आशा आगनबाड़ी एवं कालाजार इन्फार्मर द्वारा रेफर किये गये. संभावित कालाजार मरीजों में यदि जॉचोपरांत कालाजार पॉजिटिव पाये जाते है तो सरकार द्वारा निर्धारित प्रोत्साहन राशि 500 के अतिरिक्त जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी की अनुशंसा पर केएमआरसी मुजफ्फरपुर द्वारा 1000 हजार रूपये के अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदान किया जायेगा. साथ ही प्रतिदिन घर-घर रोगी खोज में पाये गये संभावित रोगियों, धनात्मक रोगियों एवं इलाज सम्पन्न कराने वाले रोगियों की संख्या को भीबीडीएस / केबीसी द्वारा केएएमआईएस सॉफ्टवेयर में प्रविष्ट किया जाना है. इसके लिए भीबीडीएस को एक मुश्त 100 रूपये का प्रावधान किया गया है. एक आशा, वार्ड हेतु आगनवाडी द्वारा प्रतिदिन मात्र 50 घरों में ही खोज किया जाना है. अधिकतम 250 घरों में रोगी खोज करने पर उन्हें प्रोत्साहन राशि के रूप में एक मुश्त 200/- रू० की दर से भुगतान किया जायेगा.
सभी पीएचसी में नि:शुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध :
कालाजार मरीजों के इलाज की सुविधा जिले के सभी पीएचसी में नि:शुल्क उपलब्ध है. मरीजों को सरकारी अस्पतालों में इलाज कराने पर श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सरकार द्वारा 7100 रुपये की राशि दी जाती है. पीकेडीएल मरीजों को पूर्ण उपचार के बाद सरकार द्वारा 4000 रुपये श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में दिये जाने के प्रावधान की जानकारी उन्होंने दी जायेगी.
15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण :
15 दिनों से अधिक समय तक बुखार का होना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. भूख की कमी, पेट का आकार बड़ा होना, शरीर का काला पड़ना कालाजार के लक्षण हो सकते हैं. वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर की त्वचा पर सफेद दाग व गांठ बनना पीकेडीएल के लक्षण हो सकते हैं. (सेंट्रल डेस्क).
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