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अपनी सुरीली आवाज से सुंदरकांड को नए अंदाज में प्रस्तुत करने की तैयारी में हैं प्रिया मल्लिक

अनूप नारायण सिंह

खनकती और मखमली आवाज की मल्लिका प्रिया मल्लिक आज की तारीख में किसी परिचय पहचान की मोहताज नहीं. रियलिटी शो ओम शांति ओम की उप विजेता बनी प्रिया मल्लिक की खनकती आवाज इन्हें भीड़ से अलग करती है. इस शो में उनके द्वारा गाए गीतों ने देश दुनिया में उन्हें स्थापित किया.

पटना के एस रजा गर्ल्स स्कूल से 10वीं और पटना के ही जेडी वीमेंस कॉलेज से इंटरमीडिएट की पढ़ाई करने वाली प्रिया के पिता भारत भूषण मलिक बिजनेसमैन हैं तो माता समता मलिक गृहणी. भाई आर्यन अभी नौवी क्लास में पढ़ाई करते हैं. प्रिया मूल रूप से बिहार के सुपौल जिले की रहने वाली है. यह खुद मुंबई में रहती है पर इनका परिवार पटना के अनीसाबाद इलाके में वर्षों से रहते आ रहा है. प्रिया के माता और पिता दोनों बहुत ही बढ़िया गायक है. प्रिया के संगीत गुरु विजय सिंह पटना से है. जिनसे इन्होंने क्लासिकल की दीक्षा ली है. वर्ष 2007 में सुर तरंग नामक एक रियालिटी शो में प्रिया का चयन हुआ. द्वितीय चरण के लिए यह दिल्ली पहुंची लेकिन सफल नहीं हो पाई. उस कार्यक्रम से इन्हें सीख मिली निरंतर अभ्यास से ही संगीत के क्षेत्र में मुकाम को पाया जा सकता है. रियाज आजीवन चलते रहता है.

2011 में प्रिया लिटिल चैंप्स का हिस्सा बनी तथा इन्हें सिल्वर मेडल मिला. स्टेट लेवल के कई गायन प्रतियोगिताओं में इन्होंने अपने स्वर का जादू बिखेरा. वर्ष 2014 में वेस्टीज आइडियल में भाग लिया. दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित भव्य समारोह में इन्होंने प्रथम स्थान प्राप्त कर संगीत समीक्षकों का ध्यान अपनी और खींचा. स्टार भारत चैनल के रियलिटी शो ओम शांति ओम ने प्रिया को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दी. शो की जज सोनाक्षी सिन्हा ने इन्हें पटना की फुलझड़ी का उपनाम दिया तथा इन से वादा किया कि प्रिया जब भी हिंदी सिनेमा के लिए पहला गाना गाएंगी वह गाना उनके ऊपर ही फिल्माया जाएगा. शो की जज सचिन-जिगर ने प्रिया को बॉलीवुड में पार्श्वगायन का ऑफर भी दिया उसके बाद उनके पास कई सारे प्रोजेक्ट आने लगे.

प्रिया हिंदी में भक्ति गीतों को एक नए अंदाज में प्रस्तुत करने की तैयारी में है. वे कहती है कि लोकगीतों की जो परंपरा है. उसमें जैसे ही बिहार की चर्चा होती है तो पहला जो जेहन में सवाल आता है वह भोजपुरी को लेकर आता है. भोजपुरी के बारे में ऐसी धारणा बना दी गई है कि भोजपुरी अश्लील भाषा है. जबकि ऐसा नहीं बिहार में भोजपुरी के साथ ही साथ मैथिली अंगिका जैसे लोक भाषाएं हैं जिनके लोकगीत काफी समृद्ध है. इन दिनों प्रिया शोध कार्यों में लगी हुई है. भोजपुरी लोकगीतों की मिठास को सहेजने में साथ ही साथ मैथिली अंगिका के भी पारंपरिक गीतों को यह नए अंदाज में प्रस्तुत कर देश दुनिया के सामने लाना चाहती है और उनके इस अभियान में मुजफ्फरपुर बेस्ड संगीतकार विजय नारायण मेंटर है. प्रिया कहती हैं कि सुंदरकांड को नए अंदाज में प्रस्तुत करने की भी तैयारी पंकज नारायण सर के माध्यम से हो रही है. जिससे युथ को मोटिवेट किया जा सके.

अपनी सफलता का श्रेय अपने माता पिता गुरु और पंकज नारायण को देने वाली प्रिय कहती हैं कि मैं भजन सम्राट अनूप जलोटा के साथ भी एक बड़ा प्रोजेक्ट कर रही हूं. फिल्मों में काम करने के सवाल पर प्रिया का कहना है ऑफर तो बहुत सारे हैं पर उन्होंने फिलहाल इसके बारे में नहीं सोचा है. उनका पूरा फोकस गायकी की तरफ है. निरंतर सीखना ही सफलता की कुंजी है. सजग रहना भी जरूरी है सफल होने के लिए. बिहारी होने पर गर्व का अनुभव करने वाली प्रिया कहती हैं कि वह जहां कहीं भी जाती हैं खुद को बिहार की बेटी के तौर पर ही प्रस्तुत करती हैं. अपनी समृद्ध विरासत संस्कार और संस्कृति को विश्व मंच पर ले जाने की तैयारी में जुटी बिहार की बेटी प्रिया मल्लिक से बिहार को ढेर सारी आशाएं हैं.

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