पाकुड़ : अनाज के अभाव में भूख से 32 वर्षीय आदिवासी युवती की मौत
मकसूद आलम
झारखण्ड के पाकुड़ जिले में हिरणपुर प्रखंड के घाघरजानी पंचायत अंतर्गत धोवाडंगाल गांव में मंगलवार को भूख से एक 32 वर्षीय आदिवासी युवती की मौत हो गयी. घटना की खबर मिलते ही उपायुक्त दिलीप कुमार झा के निर्देश पर बुधवार की अहले सुबह जिला आपूर्ति पदाधिकारी दिलीप कुमार तिवारी, बीडीओ गिरिजा शंकर महतो, एमओ नोरिक रविदास ने गांव पहुंचकर घटना की विस्तृत जानकारी ली.
मिली जानकारी के अनुसार, मृतक 32 वर्षीय लुखी मुर्मू बीते दो-तीन दिनों से कुछ नहीं खाई थी. जिसके कारण दिन-प्रतिदिन उनकी तबियत बिगड़ती गयी और मंगलवार शाम करीब चार बजे घर में ही उसकी मौत हो गयी. इस मामले में ग्रामीण बताते है कि परिवार की अर्थिक स्थिति काफी दयनीय है. जबकि बीते चार माह से राशन दुकान से राशन नहीं मिल पाने के वजह से तबियत खराब हो गयी. बताया जा रहा है कि राशन दुकान में जाने पर ई-पॉस मशीन में अंगूठे का निशान नहीं आने पर डीलर अनाज देने से इंकार कर दिया है. जिसके कारण कई बार गांव में लोगों से चावल मांगकर अपना पेट पालने पर मजबूर थी. घटना के बाद परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. इस बाबत डीएसओ दिलीप कुमार तिवारी ने बताया कि मामले को देखने से ऐसा लगता है कि इसकी मौत भूख से नहीं बल्कि बीमारी से हुई है. फिर भी अगर डीलर ने चार माह से अनाज नहीं दिया है तो जांच कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी.
उधर स्थानीय सांसद विजय हांसदा ने कहा कि भूख से मौत मामले में उच्च स्तरीय जांच की जाएगा. झारखंड की सरकार गरीब विरोधी है. इस मामले को लेकर जोरदार आंदोलन किया जाएगा. वहीं ग्राम प्रधान और स्थानीय मुखिया सहित ग्रामीणों ने भी भूख की वजह से ही मौत होना बताया. वहीं डीलर चैतन मरांडी ने बताया कि कल मृतक की छोटी बहन फुलीन मुर्मू राशन लेने आई थी परंतु ई पॉश मशीन में फिंगर प्रिंट नही आया था. मृतक के परिजन दो महीने पूर्व राशन लेने नही आई थी. वो लोग दूसरे गांव में भी कई दिनों तक रहता है.
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