गुमला : वृंदा करात ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने पर भाजपा को बताया जनविरोधी पार्टी
सुनील कुमार
झारखण्ड के गुमला जिले के चैनपुर में आयोजित होने वाली रैली में आई पूर्व सीपीआईएम सांसद एवं पोलित ब्यूरो सदस्य वृंदा करात ने भाजपा और केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला.
मंगलवार को गुमला परिसदन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए वृंदा करात ने कहा कि निश्चित तौर पर त्रिपुरा में हमारी हार हुई है पर हमारी पार्टी ने 45% बहुमत प्राप्त किया है. उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही त्रिपुरा में लेनिन की मूर्ति भाजपा पार्टी ने तोडवा कर अपनी मंशा साफ कर दी है कि भाजपा जनविरोधी कार्य करने और पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद जनविरोधी नीतियों के साथ काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ग्राम सभा में बिना अनुमति दिए भूमि अधिग्रहण करने की योजना जो झारखंड में चल रही है, उसका पार्टी भरपूर विरोध करती है. ग्राम सभा की अनुमति के बिना कोई भी प्रोजेक्ट पास होना अवैध है. आदिवासी किसानों की जमीनों को उनकी बिना अनुमति के अधिकरण नहीं होने दिया जाएगा इसके लिए अंतिम क्षणों तक लड़ाई जारी रहेगी. उन्होंने कहा कि गुमला जिला में भूमि बैंक द्वारा सिंगल विंडो सिस्टम से लाखों एकड़ भूमि जंगल किसानों की भूमि है कॉरपोरेट जगत के लोगों को मुहैया कराने के लिए साजिश रची जा रही है. उन्होंने कहा कि जंगली हाथियों के कॉरीडोर के लिए केवल गुमला जिले के पांच प्रखंडों चैनपुर, रायडीह, बिशुनपुर, घाघरा और पालकोट की 84हजार एकड़ जमीन चिन्हित की गई है. नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज के लिए 256गांवों की ज़मीन को अधिसूचित किया गया है. इस तरह सरकार करीब साढ़े चार लाख एकड़ जमीन के साथ-साथ पांच लाख लोगों को प्रभावित होंगे. इस कारण से ही गुमला जिले में पलायन करने वाले में इजाफा हुआ है.
वृंदा कृत ने कहा कि पिछले बाइस दिसंबर को एक प्रतिनिधिमंडल ने महामहिम राष्ट्रपति जी से मुलाकात कर आदिवासियों की जल जंगल और प्राकृतिक संसाधनों की लूट की रोक लिए उन्हें स्मार पत्र सौंपा गया है. इस बिंदु पर एक आश्वासन दिया गया था. वृंदा करात ने पत्रकारों द्वारा केन्द्र सरकार पर निशाना साधने पर और उनके कार्यकाल में भी त्रिपुरा में जो हिंसा होते आएं के सवाल पर कहा कि अब नहीं हो रहे हैं क्या ? हमारे पार्टी के कार्यकर्ताओं पर हमले करवाना कौन सी लोकतांत्रिक जनवादी देश में ऐसा होता है. उन्होंने कहा कि उनकी लड़ाई आदिवासीयों के लिए महिलाओं और समाज के वंचित किसानों शोषित वर्ग के लिए जारी रहेगी.
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