गढ़वा : कालीकरण सड़क निर्माण में अनियमितता, बेवजह काटे जा रहे हैं पहाड़ व पेड़
संजय पाण्डेय
झारखण्ड के गढ़वा में स्वर्णिम कंस्ट्रक्शन द्वारा चिरकुटहा मोड़ से हरिहरपुर तक निर्माणाधीन कालीकरण सड़क में संवेदक द्वारा बड़े पैमाने पर अनियमितिता बरती जा रही है. करीब 44 करोड़ की लागत से हो रहे कालीकरण सड़क निर्माण मे चिरकुटहा मोड़ से कधवन गांव के आस-पास के आधा दर्जन पहाड़ों को काट जा रहा है.
बता दें कि पहाड़ों को काटकर उससे निकलने वाले मोरम को सड़क में लगाया जा रहा है. इसके साथ-साथ चाँदडीह और खैरवा के जंगल से 1200-1500 रूपया प्रति ट्रेक्टर की दर से अवैध रूप से पत्थरों का उत्खनन कर सड़क मे लगाया जा रहा है. अवैध रूप से उत्खनन पत्थरों को चाँदडीह मे बड़े पैमाने पर भण्डारण कर 400-500 रूपया प्रति ट्रेक्टर की दर से छरी तोड़वाई जा रही है. इसे निर्माणाधीन सड़क मे सोलिंग के रूप मे लागाया जा रहा है. इससे एक ओर जहाँ सडक़ की गुणवत्ता प्रभावित हो रही वहीं जंगल और पहाड़ गायब हो रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर सरकार को लाखों रू राजस्व का चुना लग रहा है. इसके बावजूद वनविभाग और पथ निर्माण विभाग के लोग चुप्पी साधे हुए हैं. संवेदक के राजनीतिक रसूख के कारण अधिकारी सड़क जाँच से गुरेज़ करते है. वहीं वन विभाग की टीम भी गायब हो रहे पहाड़ और अवैध उत्खनन को रोक पाने मे अक्षम साबित हो रहीं है. केतार प्रखंड के नामी घने जंगलों मे चाँदडीह और खैरवा के जंगलों की चर्चा होती थीं. जहाँ एक से बढकर एक खतरनाक जंगली जानवर रहते थें. परन्तु वर्तमान मे विकास के नाम पर जंगलों का खुलेआम सफाया हो रहा है.जो पर्यावरण के लिए काफी खतरनाक है.
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