Abhi Bharat

दुमका : गरीबी और लाचारी के कारण आदिम जनजाति छात्र की पढ़ाई बाधित

 

झारखण्ड के दुमका जिला के जरमुंडी प्रखंड अंतर्गत पहाड़िया टोला का एक आदिम जनजाति पहाड़िया परिवार गरीबी और लाचारी के कारण बेबसी की जिंदगी जीने को मजबूर है. इस गांव में एक ऐसा परिवार है जिस की पांच बच्ची है और एक पुत्र उसमें से एक बच्ची 2017 मे इंटर पास की है. लेकिन गरीबी के कारण बच्ची का एडमिशन अबतक स्नातक मे नहीं हो सका है. जबकि ये बच्ची पूरे गांव में एक मात्र इंटर पास लड़की है.

भाग्य का खेल देखिए बहन पैसे के अभाव में पढ़ नहीं पा रही है और पांच बहनो में इकलौता भाई वह भी दिव्यांग है. वह ठीक से ना चल पाता है और ना ही बोल पाता है. इस विकलांग बच्चे को किसी प्रकार का पेंशन ही मिल रहा है. लड़के की उम्र 15 साल का हो चुकी है. लड़के को इतने दिनों में महज एक बार बारह सौ रुपैया मिला है. यह है पहाड़िया जाति की दुर्दशा. आखिर इस दुर्दशा के जिम्मेदार कौन हैं. वहीं इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए छात्र चेतना संघगठन के राजीव मिश्रा ने भाजपा सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एक ओर सरकार कहती बेटी बढाओ, बेटी बचाओ और बङे बङे वायदे किये जाते है और छात्र चेतना संघगठन जिम्मेदारी लेते हुए कहती है उस पहाड़ीया की पढाई पूरी खर्च छात्र चेतना संघगठन उठाएगी और यह नारा देती हैं बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ.

गौरतलब यह है कि सूबे की कल्याण मंत्री झारखंड सरकार लुईस मराणडी इसी दुमका जिले से हैं और पहाड़ीया जाति यह स्थिति है.

You might also like

Comments are closed.