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सीवान : चर्चित मौलाना हत्याकांड का पुलिस ने किया पर्दाफाश, हत्या की प्राथमिकी दर्ज कराने वाला दोस्त हीं निकला क़ातिल

सीवान || जिले की पुलिस को बड़ी उपलब्धि हासिल हुई है, जहां पुलिस ने दो दिनों के अंदर चर्चित मौलाना हत्याकांड का पर्दाफाश करते हुए हत्यारे को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे डाल दिया. पुलिसिया अनुसंधान में मामले की शिकायत करने वाला मृतक मौलाना का दोस्त मौलाना हीं क़ातिल निकला, जिसने महज 50 हजार रुपए की खातिर अपने दोस्त मौलाना की सोची समझी साजिश के तहत हत्या कर डाली फिर पुलिस को गुमराह करने के लिए खुद को खुद से हीं घायल कर हत्या की झूंठी कहानी रच डाली.

पुलिस के समक्ष जुर्म कुबूल करता अब्दुल बारी

सोमवार को इसका खुलासा करते हुए सीवान के एसपी अमितेश कुमार ने बताया कि गत एक फरवरी की रात पचरुखी थाना क्षेत्र के मंद्रपाली में दो मौलानाओं पर चाकू से हमला करने की सूचना प्राप्त हुई, जिसके बाद पुलिस बल द्वारा घटनास्थल पर पहुंच कर जांच की गई तो ज्ञात हुआ कि हमले में एक मौलवी दिलशाद की मृत्यु हो गई है एवं घायल एक मौलाना को इलाज हेतु सदर अस्पताल सीवान भेजा गया है. मृतक मौलाना की पहचान 22 वर्षीय दिलशाद उर्फ असजद रज़ा के रूप में हुई जो सीतामढ़ी का रहने वाला था. जबकि घायल मौलवी सीवान के पचरुखी थाना क्षेत्र के मंद्रापाली गांव निवासी कलेन्द्र रज़ा के पुत्र अब्दुल बारी के रूप में हुई. पुलिस ने जब अब्दुल बारी से पूछताछ की तो उसने बताया कि वह और दिलशाद दोनों दोस्त थे, दिलशाद मीरगंज आया हुआ था तो वह उससे मिलने मीरगंज चला गया. जहां से दोनों ट्रेन से दरौंदा आए और फिर दारौंदा स्टेशन के बाहर आकर मंद्रापाली जाने के लिए गाड़ी देख रहे थे तभी दिलशाद का कोई परिचित व्यक्ति मिला गया जो स्कॉर्पियो से था. उसने अपने स्कॉर्पियो से दोनों को घर छोड़ देने की बात कही जिससे दोनों स्कॉर्पियो में बैठ गए. जब वे लोग मंद्रापाली पहुंचे ही थे कि दिलशाद की स्कॉर्पियो के चालक से किसी बात को लेकर कहा सुनी हो गई, इतने दो बाइक से कुछ लोग वहां आ गए और सभी ने मिलकर चाकू से उन दोनों पर हमला कर दिया. मामले में अब्दुल बारी के बयान पर पुलिस ने अशरफ अंसारी और उसके छः साथियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान शुरू किया.

पुलिसिया अनुसंधान में पता चला कि एक फरवरी को दारौंदा स्टेशन से दिलशाद और अब्दुल बारी स्कॉर्पियो के बजाए एक ऑटो में बैठे थे. पुलिस ने उक्त ऑटो वाले को पकड़ पूछताछ की तो उसने दोनों को ऑटो में बैठाने और मंद्रापाली से पहले ही छोड़ने की बाते बताई. ऑटो चालक ने यूपीआई के माध्यम से अब्दुल बारी द्वारा किराया दिए जाने का सबूत भी दिखाया. जिसके बाद पुलिस ने अब्दुल बारी से सख्ती से पूछताछ की तो उसने स्वीकार किया कि दिलशाद ने उससे 50 हजार रुपए कर्ज लिए थे, जिसे वह लौटाने में आनाकानी कर रहा था. इससे नाराज होकर उसने दिलशाद के कत्ल की साजिश रची और उसे अपने साथ लाकर रास्ते में ऑटो से उतार पैदल चलते वक्त चाकू मारकर उसकी हत्या कर डाली और पुलिस को झूंठी कहानी सुना डाला. वहीं पुलिस ने अब्दुल बारी रजा की निशानदेही के आधार पर घटनास्थल से हत्या में प्रयोग किया गया एक खून लगा चाकू और खून लगा कपड़ा भी बरामद किया है. (उमेश सिंह पटेल के साथ ब्यूरो रिपोर्ट).

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