मोतिहारी : केसरिया में 132 करोड़ की लागत से बनेगी इथेनॉल फैक्ट्री
मोतिहारी/पूर्वी चंपारण || राष्ट्रपिता गांधी की कर्मभूमि चंपारण की धरती अब औद्योगिक हब बनने की दिशा में आगे बढ़ रही है. इस औद्योगिक क्रांति का आगाज केसरिया की पावन धरती से होने जा रहा है. तिरहुत उद्योग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा केसरिया प्रखंड क्षेत्र के नयागांव-कुशहर में इथेनॉल प्लांट का निर्माण किया जायेगा.
बिहार सरकार के उद्योग मंत्रालय की ओर से इसकी स्वीकृति मिल गई है. महाराष्ट्र के पुणे में संचालित उक्त कंपनी द्वारा यह प्लांट लगाया जायेगा. पूर्वी चंपारण जिले की यह पहली इथेनॉल फैक्ट्री होगी.
केसरिया में फैक्ट्री लगाकर अपनी माटी का ऋण चुकायेंगे
कंपनी के प्रबंध निदेशक सह सीईओ जिले के कोटवा प्रखंड अंतर्गत सिहोरवा गांव निवासी हरेंद्र कुमार वाजपेयी ने रविवार को केसरिया में आयोजित प्रेस वार्ता में उक्त आशय की जानकारी दी. हरेंद्र कुमार वाजपेयी ने कहा कि पुणे में कंपनी का काम वर्षों से चल रहा है. उन्होंने कहा कि चंपारण में फैक्ट्री लगाने का मुख्य उद्देश्य अपनी माटी का ऋण चुकाना है. यहां फैक्ट्री लगाने में कई तरह की परेशानियां हैं, लेकिन मेरा निश्चय दृढ़ है और जल्द ही इस दिशा में हमें सफलता मिलेगी.
प्रतिदिन 01 लाख लीटर इथेनॉल का होगा उत्पादन
प्रस्तावित इथेनॉल फैक्ट्री का निर्माण 132 करोड़ की लागत से होगा. जिसमें प्रतिदिन 01 लाख लीटर इथेनॉल का उत्पादन किया जायेगा. यहां इथेनॉल की फैक्ट्री लगने से एक हजार लोगों को रोजगार के अवसर मिलेगा. उन्होंने बताया कि मक्का,चावल और गन्ना से इथेनॉल का उत्पादन होगा जिससे फैक्ट्री के तीस किलोमीटर की परिधि में आने वाले किसान लाभान्वित होंगे.इस फैक्ट्री के खुलने से इथेनॉल में उपयोग होने वाले अनाज के उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा. वहीं एक सवाल के जवाब में हरेंद्र कुमार बाजपेयी ने कहा कि इथेनॉल का उपयोग पेट्रोलियम में होता है और यहां से इसकी सीधी आपूर्ति कंपनियों को की जायेगी. उन्होंने कहा कि सरकार इथेनॉल उत्पादन को प्रोत्साहित कर रही है ताकि पेट्रोलियम के लिए दूसरे देशों पर निर्भरता में कमी आ सके.
एक हजार लोगों को मिलेगा रोजगार
कंपनी के प्रबंध निदेशक सह सीईओ हरेंद्र कुमार बाजपेयी के अनुसार स्टेट इन्वेस्टमेंट प्रोमोशन बोर्ड से लगभग डेढ़ वर्ष पहले फैक्ट्री निर्माण की मंजूरी मिल गई थी. मंजूरी मिलने के बाद कई विभागों से अनापत्ति प्रमाण-पत्र लेना होता है उसमें एक वर्ष से अधिक का समय लग गया.लेकिन अब सारी बाधाएं समाप्त हो चुकी है. लोकसभा चुनाव के बाद जल्द ही भूमि पूजन का कार्यक्रम निर्धारित होगा और उसके साथ ही फैक्ट्री का निर्माण कार्य प्रारंभ हो जायेगा.उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 के अंत तक यह फैक्ट्री बन कर तैयार हो जाएगी. इस फैक्ट्री के बन जाने से करीब एक हजार लोगों को रोजगार मिलेगा.
मौके पर ये सभी लोग रहे मौजूद
तिरहुत उद्योग प्राइवेट लिमिटेड की ओर से आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान कंपनी के प्रबंध निदेशक सह सीईओ के अलावे पूर्व मुखिया वीरेंद्र यादव, कृष्णानंद मिश्रा, यशवंत सिंह, पितांबर यादव, रामबाबू राय, मुन्ना कुमार, शंभू साह, जयलाल सहनी, शिवपूजन पटेल एवं प्रमोद यादव सहित बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद थे. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).
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