कैमूर : सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय के आउटसोर्स कर्मचारियों ने अपनी मांगों को लेकर कार्य का बहिष्कार करते हुए दिया धरना

कैमूर/भभुआ || सरदार वल्लभ भाई पटेल महाविद्यालय, भभुआ के आउटसोर्स कर्मचारी अपने लंबित मांगों को लेकर बुधवार के दिन कार्य बहिष्कार करते हुए धरना पर बैठ गए.

वहीं अभी भारत से बात करते हुए कर्मचारियों ने अपनी व्यथा बताते हुए कहा कि इस महंगाई के जमाने में सात से आठ हजार रुपए वेतन में वे काम करने के लिए मजबूर हैं. माह जून 2025 में इन कर्मचारियों ने प्रधानाचार्य डॉक्टर शंकर प्रसाद शर्मा एवं आउटसोर्स एजेंसी को इस संबंध में सूचना दिया था कि इस महंगाई के जमाने में परिवार का जीवन यापन करना इतना कम पारिश्रमिक में दुष्कर हो गया है. प्रधानाचार्य डॉक्टर शंकर प्रसाद शर्मा के उदासीन एवं लापरवाह रवैया के कारण इन आउटसोर्स कर्मचारियों को अपने पारिश्रमिक बढ़ोतरी के लिए आंदोलन करना पड़ा. माह जुलाई 2025 में सिक्थ सेंस सिक्योरिटी सर्विस पटना को इस बात की सूचना प्रधानाचार्य ने दिया कि कर्मचारी वेतन बढ़ोतरी के लिए ज्ञापन प्रस्तुत किया है. इसी बीच प्रधानाचार्य को भी कर्मचारियों ने कई बार आवेदन प्रस्तुत किया, लेकिन इनके उदासीन रवैये के कारण अभी तक इन अल्प वेतन भोगी कर्मचारियों का वेतन बढ़ोतरी नहीं हो पाया है. वहीं वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय आरा, मुख्यालय के कर्मचारियों का वेतन बढ़ोतरी से संबंधित विगत दिनों में कुलपति डॉक्टर शैलेंद्र कुमार चतुर्वेदी द्वारा एक समिति का गठन कर कर दिया गया. सिक्थ सेंस सिक्योरिटी सर्विस, पटना के प्रबंधक द्वारा बतलाया गया कि वेतन बढ़ोतरी में एजेंसी से परामर्श करना कोई जरूरी नहीं है. महाविद्यालय के आउटसोर्स समिति द्वारा महंगाई को देखते हुए इस पर त्वरित निर्णय लेकर वेतन बढ़ोतरी, महंगाई एवं पारिवारिक भरण- पोषण को देखते हुए एक सम्मानजनक राशि बढ़ाया जा सकता है तथा इसकी सूचना एजेंसी को निर्गत किया जा सकता है. एजेंसी द्वारा यह भी कहा गया कि इस संबंध में प्रधानाचार्य ने कभी भी गंभीरता पूर्वक हमसे बात नहीं की. जिसका प्रतिफल हुआ है कि आज सभी कर्मचारी एकजुट होकर कार्य बहिष्कार करते हुए धरना पर बैठे हुए हैं.

वहीं इस संबंध में महाविद्यालय के आउटसोर्स कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर कुमार सिंह एवं सचिव अखिलेश कुमार सिंह ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा कि जब तक हम कर्मचारियों का सम्मानजनक राशि की बढ़ोतरी नहीं होती है तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा और महाविद्यालय का कोई भी कार्य हम होने नहीं देंगे. आंदोलन हमारा जनतांत्रिक अधिकार है जब बार-बार ज्ञापन देकर हम कर्मचारी आजिज हुए तब इस तरह का आंदोलन करने पर विवश हुए. इसकी सारी जवाब देही महाविद्यालय प्रशासन की है. हम लोगों ने अनेकों बार उनको ज्ञापन आवेदन सौंपने का काम किया है. इसका कार्यालय प्रति हम लोग के पास उपलब्ध है. आज महंगाई के जमाने में छः से सात हजार रुपए में घर चलाना, बच्चों का भरण-पोषण करना, दवा-दारू की व्यवस्था करना कितना विकट है यह कोई भी समझ सकता है. हम कर्मचारी महाविद्यालय में कार्य करते हैं लेकिन महाविद्यालय प्रशासन बिल्कुल असंवेदनशील दृष्टिकोण हम लोगों के प्रति रखता है, यह हम लोगों के लिए बहुत ही खेद एवं चिंता का विषय है.
धरना स्थल पर मंजु कुमारी, भरत सिंह, मोबिन अख्तर, नरेंद्र कुमार शर्मा, संजय कुमार सिंह, राजू प्रसाद, रामाधीन सिंह, इंदु कुंवर, प्रतिभा कुमारी,जयप्रकाश यादव, अनिता कुमारी, कंचन कुमारी, सूरज कुमार, अनिल कुमार, बिट्टू कुमार, संजय कुमार, मुलायम सिंह यादव, आनंद कुमार सिंह, गुलाम पीर राइन, समीर, गुल्लू अली, संतोष कुमार आदि धरना स्थल पर बैठे देखे गए. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).