सीवान : भीम आर्मी के नेता नेमत खान की गिरफ्तारी के मामले ने पकड़ा तूल, डॉ एहतेशाम अहमद ने पुलिस की कार्यशैली पर उठाए सवाल
सीवान में दो युवकों की हत्या के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध मार्च निकालने वाले भीम आर्मी के नेता और सीवान सदर विधान सभा के पूर्व प्रत्याशी नेमत खान की गिरफ्तारी का मामला अब तूल पकड़ने लगा है. नेमत खान की गिरफ्तारी के विरोध में गुरुवार को शहर के जैक मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल के सीएमडी डॉ ख्वाजा एहतेशाम अहमद ने अपने आवास पर एक प्रेसवार्ता कर नेमत खान की गिरफ्तारी को अनुचित बताते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाया.
मीडिया से बात करते हुए डॉ एहतेशाम अहमद ने सीवान पुलिस और प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाए.उन्होंने कहा कि जिस तरह से नेमत खान की गिरफ्तारी की गई और उन पर कई झूंठे मुकदमो के साथ-साथ कोरोना प्रोटोकॉल और आदर्श आचार संहिता के उलंघन का जो मामला दर्ज किया गया है वह सरासर अवैध और अनुचित कार्रवाई है. उन्होंने इसे लोकतंत्र और मानवाधिकार का हनन बताते हुए कहा कि प्रजातंत्र में सबको प्रोटेस्ट करने का अधिकार है. नेमत खान शाहिल आजम और शहबल के कातिलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर विरोध मार्च निकाले थे, जबकि पुलिस ने उनपर कोरोना गाइडलाइन और आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया और फिर बाद में सोशल मीडिया पर दुष्प्रचार का भी मामला दर्ज कर दिया, यह एकदम से नाजायज और नाइंसाफी है. उन्होंने कहा कि देश मे जब कोरोना बीमारी पूरे चरम पर थी, तब कई जगह चुनाव हुएं और लाखों लोगों की भीड़ जुटाकर रैलियां की जा रही थी, तब कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन नहीं हुआ. वहीं उन्होंने यह भी कहा कि बिहार में पंचायत चुनाव को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा यह भी घोषणा की गई थी कि शहरी क्षेत्रों का पंचायत चुनाव से कोई लेना देना नहीं है और शहरी क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू नहीं होगी, तब किन परिस्थितियों में नेमत खान पर आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया है, यह समझ से परे है.
वहीं प्रेसवार्ता में मौजूद कांग्रेस के वरीय नेता शिवधारी दूबे, एसएम फजलेहक, सीपीआई नेता मार्कण्डेय, सिविल सोसायटी के सदस्य प्रो उपेंद्र यादव ने भी नेमत खान की गिरफ्तारी को गैरवाजिब करार देते हुए पुलिस और प्रशासन पर ज्यादती का आरोप लगाया. शिवधारी दुबे ने कहा कि नेमत खान उभरते हुए एक युवा नेता हैं, और एक समुदाय विशेष से ताल्लुकात रखते हैं, इसी वजह से सुनियोजित राजनीतिक साजिश के तहत उन्हें झूंठे मुकदमों में फंसाकर गिरफ्तार किया गया है. एसएम फजलेहक ने कहा कि पुलिस को चाहिए कि वह शाहिल आजम और शहबल क कातिलों का पता लगाकर उन्हें गिरफ्तार करें, लेकिन पुलिस अपनी नाकामयाबी को छिपाने के लिए कातिलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन करने वाले युवा नेता नेमत खान को गिरफ्तार कर मामले को दबाने की कोशिश कर रही है. वहीं सीपीआई नेता मार्कण्डेय ने कहा कि यदि पुलिस और प्रशासन शीघ्र ही नेमत खान पर लगे आरोपों को वापस लेकर उन्हें रिहा नहीं करती है तो आने वाले दिनों में व्यापक जन आंदोलन किया जाएगा.
गौरतलब है कि गत 2 सितंबर गुरुवार के दिन मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कररुआ सरावे से शहर के पुरानी किला निवासी शकील आजम के पुत्र शाहिल आज़म और शुक्ला टोली निवासी लाडले के पुत्र शहबल का शव बरामद हुआ था. दोनों एक पल्सर बाइक से अपने दूसरे दोस्त शुक्ल टोली निवासी राहुल और पुरानी किला निवासी अब्दुल्लाह के पुत्र गोलू के साथ बुधवार के दिन शाम 7 बजे हथुआ गए हुए थे. वापस लौटने के क्रम में राहुल और गोलू आगे निकल आए जबकि शाहिल और शहबल रास्ते में ही रुक गए उसके बाद इन दोनों का कोई पता नहीं चला. घर वालों ने काफी खोजबीन की तो उनका पता नही चल पाया. वहीं गुरुवार की अहले सुबह दोनों का शव बरामद किया गया. इसी मामले में अपराधियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर शनिवार के दिन शहर में विरोध मार्च निकाल प्रदर्शन करने के दौरान भीम आर्मी के नेता नेमत खान को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. (सेंट्रल डेस्क).
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