सीवान सदर अस्पताल के वातानुकूलित महिला वार्ड में लगे सभी एयर कंडीशनर उद्घाटन के अगले दिन से ही हुए ख़राब, मरीजों का बुरा हाल, तीन जून को सारण कमिशनर ने किया था उद्घाटन
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान सदर अस्पताल को बेहतरीन और सुविधाजनक अस्पताल बनाने की गरज से बीते दिनों अस्पताल के महिला वार्ड में एयर कंडिशनर लगाया गया. लेकिन वातानुकूलित महिला वार्ड के उद्घाटन के दुसरे दिन के बाद से ही वहां लगे एयर कंडिशनरो ने काम करना बंद कर दिया है.नतीजतन,पूरी तरह से पैक और वेंटिलेशन रहित महिला वार्ड में भर्ती मरीजो का बुरा हाल है.
बता दे कि बीते तीन जून को सीवान सदर अस्पताल के महिला वार्ड से सटे नये वातानुकूलित महिला वार्ड का शुभारम्भ किया गया. जिसका उद्घाटन सारण प्रमंडलीय आयुक्त ने किया. इस नये वातानुकूलित महिला वार्ड में एयर कंडीशनर लगाने के लिए सरकार की तरफ से जिला स्वास्थ्य समिति को सीधे फंड मिला था. इसी कारण वार्ड में एक दो नहीं बल्कि डेढ़-डेढ़ तन की छ: स्प्लिट एयर कंडीशनर लगाए गये. तीन जून को वार्ड के उद्घाटन के दौरान उद्घाटनकर्त्ता महोदय सारण कमिशनर ने भी छ: एयर कंडिशनर को देख ख़ुशी जाहिर करते हुए सीवान सदर अस्पताल को आधुनिक अस्पतालों की श्रेणी में बताया. लेकिन वातानुकूलित महिला वार्ड के उद्घाटन के दो सप्ताह बाद जब पत्रकारो ने वार्ड का जायजा लिया तो वहां का नजारा कुछ और ही दखने को मिला.
वातानूकूलित महिला वार्ड में भर्ती महिलाएं गर्मी से बेहाल नजर आ रही थी. ऐसा नहीं था कि अस्पताल में उस समय बिजली नहीं थी. बल्कि बिजली के अन्य उपकरण बल्ब और एलईडी लाइट जलते नजर आये वह भी पूरी रौशनी के साथ मतलब की पर्याप्त वोल्टेज की सप्लाई. फिर मरीजो से वार्ड में लगे एयर कंडीशनरो के नहीं चलने का कारण पूछने पर पता चला कि वार्ड में लगे सभी नये एयर कंडीशनर उद्घाटन के अगले दिन से ही ख़राब हो गये जिस कारण वे बंद पड़े हैं. चुकी एयर कंडीशनर के हिसाब से बने उस कमरे में वेंटिलेशन का कोई साधन भी नहीं कि बहार से हवा आये. लिहाजा, वार्ड में भर्ती महिला मरीजो का बुरा हाल था. मरीज अनीता देवी की माने तो जिस दिन कमिशनर साहब एसी का उद्घाटन किये. उनके जाने के दो घंटे बाद ही तीन एसी ने काम करना बंद कर दिया और अगले रोज से शेष तीन ईएसआई भी ख़राब हो गये.
वहीं इस बारे में जब मीडिया ने जिलाधिकारी महेंद्र कुमार को जानकारी दी तो जिलाधिकारी महोदय भी सकते में आ गयें. पहले तो डीएम को इस बता पर विश्वास हीं नही हुआ और उन्होंने अस्पताल में फोन कर इसकी जानकारी ली और जब हमारी खबर की तसदीक हुयी तब अस्पताल के उपाधीक्षक की जमकर क्लास लगाई और 24 घंटे के अंदर सभी एयर कंडीशनरो को चालु करने को कहा.
गौर करने वाली बात है कि इसी अस्पताल के सिविल सर्जन और उपाधीक्षक के चेम्बर में लगा एसी ख़राब नहीं होता है और वे अधिकारीयों की अनुपस्थिति में भी कमरे को ठंडक फैलाये रखते हैं. वहीं महिला वार्ड में लगे नये सभी एसी एक साथ कैसे ख़राब हो गये….यह एसी करी समिति और एसी की आपूर्त्ति करने वाली संस्था दोनों पर सवालिया निशान है. जिसकी जांच भी आवश्यक है.
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