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सीवान : बड़हरिया गोलीकांड के विरोध में प्रदर्शन करने वाले व्यवसायियों के खिलाफ पुलिस ने दर्ज की प्राथमिकी

सीवान के बड़हरिया में हुए गोलीकांड के विरोध में अपनी दुकानें बंद कर प्रदर्शन करने वाले दर्जनों व्यवसायियों के खिलाफ पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की है और अब उन व्यवसायियों पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है.

बता दें कि गत 14 जुलाई की रात्रि 8 बजे रंगदारी की रकम नहीं देने को लेकर अपराधियों द्वारा थाने से महज 50 गज की दूरी पर स्थित जयसवाल किराना एवं पूजा भंडार पर गोलीबारी की गई थी. इसमें किराना एवं पूजा भंडार के मालिक जयप्रकाश जयसवाल एवं उनके पुत्र बाल-बल बच गए थे, लेकिन दुकान पर खरीदारी करने आए केक वेक नाम की दुकान में काम करने वाले हाजीपुर जिला निवासी गुड्डू कुमार के जांघ में गोली लग गई थी. जिसमें गुड्डू कुमार घायल हो गया था. गंभीर हालत में गुड्डू को सीवान के सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां पर उसका इलाज चल रहा है. इस गोलीबारी से आक्रोशित बड़हरिया के व्यवसायियों द्वारा अपनी अपनी दुकान बंद कर थाना चौक पर शांतिपूर्ण धरना और प्रदर्शन किया गया था. बड़हरिया में फिर ऐसी दुबारा घटना की पुनरावृति ना हो इसके लिए प्रशासन से मांग की गई थी. इस प्रकार व्यवसायियों द्वारा अपनी सुरक्षा को लेकर धरना प्रदर्शन करना पुलिस प्रशासन को नागवार गुजरी और पुलिस प्रशासन द्वारा व्यवसाई एवं नगर पंचायत के जनप्रतिनिधियों समेत कुल 17 नामजद एवं 80 अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करा दिया गया है. बड़हरिया थाना में पदस्थापित एएसआई मोहनलाल पासवान के बयान पर प्रभारी थाना प्रभारी भारती कुमारी ने धारा 147, 148, 149, 323, 353, 427, 332 आईपीसी की धारा के तहत प्राथमिकी दर्ज करते हुए उल्लेख किया है कि व्यवसायियों द्वारा लाठी डंडा के साथ मजमा बनाकर सड़क जाम कर आवागमन बाधित करने और सरकारी कार्य में बाधा पहुंचाने और पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने सहित आरोप लगाया गया है.

वहीं प्राथमिकी दर्ज की खबर मिलते ही व्यवसाई प्रतिनिधियों में आक्रोश कायम हो गया. नगर पंचायत उपाध्यक्ष पति रहीमुद्दीन खान, पूर्व मुखिया वीरेंद्र शाह एवं पूर्व मुखिया सुनील चंदेल ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि लोकतंत्र में सबको कानून का पालन करते हुए धरना प्रदर्शन करने का अधिकार है. बड़हरिया के व्यवसाई गोलीकांड के खिलाफ तथा बड़हरिया में लगातार एक साल से व्यवसायियों से रंगदारी की मांग कर व्यवसायियों पर गोलीबारी की जा रही है, जिससे आक्रोशित व्यवसाई अपनी सुरक्षा तथा अपराधी की गिरफ्तारी की मांग अपनी लोकतांत्रिक अधिकार के तहत कर रहे थे. कहीं कोई लाठी डंडा का प्रयोग नहीं किया गया तथा सरकारी कार्य में बाधा डाला गया. फिर पुलिस अपनी दमनकारी नीति के तहत व्यवसायियों की आवाज को दबाने के लिए व्यवसायियों पर प्राथमिकी दर्ज कर दी गई. इस प्रकार की नीति से बड़हरिया में अपराधियों का मनोबल बढ़ेगा और व्यवसाई रंगदारी देने और गोली खाने को विवश हो जाएंगे. (राकेश रंजन गिरी की रिपोर्ट).

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