सीवान नगर परिषद् वित्तीय अनियमितता मामले में HC ने तीन पूर्व पार्षदों की गिरफ्तारी पर रोक लगायी
अभिषेक श्रीवास्तव
सीवान नगर परिषद् के एलईडी लाइट और डिसप्ले बोर्ड की खरीदारी में वित्तीय अनियमितता बरतने के आरोप में पूर्व के दो नप सभापति और तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी के साथ फंसे तीन पूर्व नगर पार्षदों को गुरूवार के दिन पटना हाई कोर्ट ने बड़ी राहत दी. मामले में उच्च न्यायालय ने तीन पूर्व नगर पार्षदों की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ साथ पुलिसिया कार्रवाई पर स्थगन का आदेश दिया है. ये तीन पूर्व नगर पार्षद वार्ड नम्बर 17 के अभिनव श्रीवास्तव उर्फ़ रानू, वार्ड 28 के अब्दुल खालिद और वार्ड 32 के अविनाश कुमार उर्फ़ मोनू हैं.
बता दे कि इन तीनो पूर्व नगर पार्षदों द्वारा पटना उच्च न्यायालय में अपने खिलाफ निगरानी विभाग द्वारा जारी गिरफ्तारी वारंट के विरुद्ध अग्रिम जमानत के लिए याचिका दायर की गयी थी. जिस पर गुरूवार को सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अगले दो सप्ताह तक इनकी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के साथ साथ स्थानीय पुलिस द्वारा मामले में इनके खिलाफ किसी भी प्रकार की कार्रवाई करने के स्थगन का आदेश दिया. उच्च न्यायालय ने मामले में निगरानी विभाग से केस डायरी तलब करते हुए कहा कि जब तक कोर्ट केस के बारे में पूरी तरह अवलोकन नही कर लेती है और अग्रीम जमानत याचिका पर अपना फैसला नहीं देती है. तब तक पुलिस या निगरानी विभाग को इन तीनो को अपनी कस्टडी में लेने का अधिकार नही होगा. कोर्ट ने निगरानी विभाग को दो सप्ताह के अन्दर कोर्ट में केस डायरी सबमिट करने का भी आदेश दिया.
गौरतलब है कि सीवान नगर परिषद् के दो पूर्व सदनो के कार्यकाल के दौरान एलईडी लाइट और डिसप्ले बोर्ड की खरीदारी में पूर्व नप सभापति अनुराधा गुप्ता, तत्कालीन सभापति बबलू प्रसाद उर्फ़ बबलू चौहान, तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश और तत्कालीन उप सभापति कर्णजीत सिंह उर्फ़ व्यास सिंह सहित कुल 14 लोगो पर वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए पिछले वर्ष वार्ड नम्बर 31 के तत्कालीन नगर पार्षद इन्तेख्वाब अहमद ने मुजफ्फरपुर निगरानी विभाग में शिकायत की थी. जिसके बाद निगरानी विभाग ने सभी के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया. हालाकि मामले के शिकायत कर्त्ता और वार्ड 31 के पूर्व नगर पार्षद इन्तेख्वाब अहमद स्वयं एक हत्या कांड का आरोपी है और मामले में फरार चल रहा है. उधर,तत्कालीन उपसभापति कर्णजीत सिंह उर्फ़ व्यास सिंह को बुधवार के दिन ही हाई कोर्ट ने राहत दे दी थी.
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