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सीवान : निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर अभिभावक मंच ने जिलाधिकारी को दिया ज्ञापन

सीवान में गुरुवार को निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने कोरोना काल मे लॉकडाउन के दौरान निजी स्कूलों द्वारा की जा रही मनमानी और फीस की मांग को लेकर जिलाधिकारी से मिलकर एक ज्ञापन सौंपा और निजी स्कूलों के इस रवैये के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.

इस संबंध में निजी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के अभिभावकों ने कहा कि कोरोना संक्रमण से पूरा विश्व ग्रसित है. इस संक्रमण से बहुत जान माल का नुकसान हुआ है, लाखो लोगों की मृत्यु हो गयी है. 250 से ज्यादा देश महामारी से ग्रसित हैं. प्रभावित देशों की आर्थिक स्थिति भी अच्छी नहीं है. लॉकडाउन के कारण पूरे देश की गतिविधियां बंद हैं. सरकारी कार्यालय हो अथवा निजी कार्यालय महामारी को लेकर लोगों की उपस्थिति नगण्य है. मजदूर अपना काम छोड़कर लाखों की संख्या में अपने प्रदेश वापस आ रहे हैं. छात्रों का भविष्य भी अधर में अटका हुआ है. स्कूल-कॉलेज सब बंद है. छात्रों की स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया और निजी विद्यालयों से निवेदित किया कि वे दो माह का फीस नहीं लें. भारत सरकार ने भी इस संबंध में राज्य सरकारों को निर्देश दिया. लेकिन, निजी स्कूल संचालकों ने कोरोना महामारी के दर्द को तथा सरकार के निर्देश को दरकिनार करते हुए अभिभावकों से फीस की मांग की है. आश्चर्यजनक रूप से स्कूल फी में काफी बढ़ोतरी भी की गई है.

उन्होंने बताया कि निजी विद्यालयों को हर वर्ष री-एडमिशन के नाम पर पैसा नहीं लेना है, लेकिन इस वर्ष उन लोगों ने उतनी ही राशि विभिन्न मदो में दिखाकर अभिभावकों से गैरकानूनी रूप से वसूलना प्रारम्भ कर दिया है. विदित हो कि सरकारी निर्देश के आलोक में विद्यालय संचालकों को री-एडमिशन के मद में एक भी पैसा नहीं लेना है. लेकिन विद्यालय संचालकों ने सरकार के आदेश सरकार के आग्रह तथा कोरोना महामारी के त्रासदी को दरकिनार करते हुए अभिभावकों पर फीस देने के लिए दबाव डालना प्रारंभ कर दिया है और दबाव डालकर वसूली भी कर रहे हैं. इसी संदर्भ में निजी स्कूल अभिभावक मंच के सदस्यों ने जिलाधिकारी को एक ज्ञापन दिया है और उसकी प्रतिलिपि शिक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री तथा प्रधानमंत्री को दिया है. मंच ने आवेदन के माध्यम से सरकार से यह मांग की है कि पूरे भारतवर्ष में निजी स्कूल द्वारा गैरकानूनी रूप से वसूली जाने वाली फीस अथवा रकम पर रोक लगाई जाए ताकि कोरोना महामारी में अभिभावकों को कुछ राहत मिल सके.

पत्रकारों से रूबरू होते हुए अभिभावक मंच के संयोजक विजय कुमार पांडेय ने कहा कि प्रथम चरण में हमने आवेदन दिया है, दूसरे चरण में प्रशासन के लोगों से मिलकर हम इस समस्या का शांति पूर्वक, शांति और सौहार्द के साथ समझौता चाहते हैं. वहीं अधिवक्ता एवं समाजसेवी बलवंत कुमार ने कहा कि सरकारी निर्देश को धत्ता बताते हुए ऐसा करना अनैतिक है. उन्होंने निजी विद्यालय संचालकों से निवेदन किया कि इस संदर्भ में सहानुभूति पूर्वक विचार करें और इसका एक हल निकाले. मंच के अध्यक्ष राजीव रंजन राजू ने सरकार से आग्रह किया कि सरकार अपने स्तर से इस समस्या का तार्किक समाधान करे. मौके पर मनोज सिंह, बलराम प्रसाद व रवि राम समेत अनेक लोग उपस्थित थे. (सेंट्रल डेस्क).

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