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जदयू विधायक श्यामबहादुर सिंह ने रोकी सीवान के पचरुखी चीनी मिल की भूमि पैमाइश

कुमार विपेंद्र

सीवान के पचरुखी चीनी मिल में प्रशासन द्वारा जबरन कराये जा रहे भूमि पैमाइश का कम मंगलवार को उस समय ठप हो गया जब जदयू विधायक श्यामबहादुर सिंह पटेल मिल पर आ धमके. अपने समर्थकों के लाव-लश्कर के साथ चीनी मिल पर पहुंचे जदयू विधायक ने न सिर्फ भूमि पैमाइश को बंद करा दिया बल्कि वहां हंगामा करते हुए मौजूद पैमाइश कर्मियों की जमकर लताड़ भी लगायी.

बता दे कि सोमवार को पचरुखी चीनी मिल परिसर में भूमि की मापी का विरोध महिलाओं द्वारा किया गया था. लेकिन, पुलिस और स्थानीय प्रशासन के दबिश के बाद महिलाओं के आंदोलन के असफल होने पर ऐसा लगा था कि मापी का काम प्रशासन पूर्ण करा लेगा. लेकिन, मंगलवार को आंदोलन का नेतृत्व जैसे ही स्थानीय विधायक श्याम बहादुर सिंह ने किया सारा माजरा ही बदल गया. कइयों की उम्मीदों पर पानी फिर गया और चंद मिनटों में ही सारा काम ठप हो गया. बड़हरिया विधायक श्यामबहादुर सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में आकर ग्रामीण पुरुष, बच्चे व महिलाएं झाड़ू लेकर आ धमके और हंगामा करते हुए मिल परिसर में चल रही जमीन की पैमाइश व निर्माण कार्य को बंद करा दिया. वहीं विधायक श्यामबहादुर सिंह प्रशासन पर बरस पड़े. विधायक ने कहा कि प्रशासन ने गरीबो पर मुकदमा कर अपने तानाशाही वाली छवि को प्रस्तुत किया है. उन्होंने कहा कि मुकदमा करना ही था तो मुझपर कर दिया होता. गरीबो पर मुकदमा कर जेल भेज दिया गया. जेल ही भेजना था तो मुझे भेज दिया होता. केस तो मुझपर भी किया गया है. विधायक ने कहा कि पचरुखी चीनी मिल से सम्बंधित मामला हाई कोर्ट में है. कोर्ट का फैसला आने तक प्रशासन को इंतजार करना होगा. अन्यथा, बीच में पैमाइश या चहारदीवारी की कोशिश की गई तो जनता होने नहीं देगी. उन्होंने कहा कि कुछ लोग मिल की जमीन को हड़प लेना चाहते है जो हम होने नहीं देंगे.  वहीं हंगामा कर रहे ग्रामीणों का कहना था कि हम लोगों के पूर्वजो ने अपनी कीमती जमीन को उद्योग लगाने के लिए दिया था, न कि भू माफिया को बांटने के लिए. हमलोग अपने प्राण दे देंगे लेकिन, जमीन पर किसी भू-माफिया और दलाल को फटकने तक नहीं देंगे.

मौके पर मौजूद भाजयुमो के जिला महामंत्री एवम पूर्व जिला पार्षद प्रत्याशी त्रिलोकी सिंह पटेल ने विधायक श्यामबहादुर सिंह की बातों का समर्थन करते हुए कहा कि जिस तरह से हम ग्रामीणों को खाने के लिए रोटी,पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए मकान आवश्यक है. ठीक उसी प्रकार इन तीनों आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए औद्योगिक रोजगार भी जरूरी है. इसी को ध्यान में रखते हुए हमारे पूर्वज जमीन को इस परिकल्पना के साथ दिए थे कि हम इंसान है और रोजगार पाकर इंसान की तरह सकें. उन्होंने आगे कहा कि स्थानीय प्रशासन निजी स्वार्थ के वशीभूत होकर भू-माफियों के मेल में आकर ग्रामीणों का आंदोलन कुंद कर रहा है. उधर, स्थानीय जिला पार्षद जयकरन महतो ने भी कहा कि मेरे जीते जी गरीबों और किसानों के साथ अन्याय कभी नहीं होगा. यदि किसी भू-माफिया की कोई इमारत खड़ी होगी तो वे मेरी लाश पर होगी.

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