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सीवान के मल्लूपुर गांव में आर्मी के जवान का शव पहुँचते ही मचा कोहराम

कुमार विपेंद्र

सीवान जिले के पचरुखी प्रखंड के मल्लूपुर गांव में जैसे ही आर्मी के जवान का पार्थिव शरीर पहुँचा. गांव में कोहराम मच गया. मृत जवान के घर और आस पास की महिलाओं के कारुणिक चित्कार ने माहौल को गमगीन बना दिया।महिलाओं का विलाप ऐसा था मानो आसमान की चिर दे. पुरुषों की डबडबाई आंखें हृदय को द्रवित किये जा रही थी. दरवाजे पर हजारों की भीड़ मनोज को अंतिम विदाई देने के लिए पहुची हुई थी.

आर्मी के सूबेदार दिपुसुदन त्रिपाठी ने बताया कि बीते 11 सितंबर को सुबह पंजाब के भटिंडा स्थित आर्मी कैम्प में मनोज कुमार परेड के लिए पहुँचे हुए थे. मगर परेड से पहले ही मनोज को सीने में तेज दर्द की शिकायत हुई. मनोज ने अपने साथी जवानों को इसकी जानकारी दी. इसके बाद मनोज को आर्मी के हॉस्पिटल में ले जाया गया. जहां मनोज आईसीयू में गहन चिकित्सा के लिए शिफ्ट कर दिया गया. अगले दिन सुबह करीब पांच बजे मनोज की मौत हो गयी.

गौरतलब हो कि मृत जवान मनोज कुमार की शादी वर्ष 2015 में थेपहा गांव निवासी शिवनाथ यादव की पुत्री मीरा देवी से हुई थी. मनोज के पिता स्वर्गीय रामलोचन यादव भी आर्मी में ही थे और उनकी भी मौत ड्यूटी के दौरान 18 जून 2008 को हो गयी थी. पंजाब के भटिंडा में पीटी के दौरान मृत आर्मी के जवान मनोज कुमार अपने पीछे एक भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं. मनोज की विधवा मीरा देवी पति के मौत के गम में बेशुध सी हो गयी है. किसी से न कोई बात और  न ही कुछ बोलना, सिर्फ छत और दीवारों को निहारती उनकी आँखें एकाएक सावन की बदरी की तरह बरस उठती हैं. फिर बेहोश हो जाती हैं. वहीं मनोज की माँ सरस्वती देवी बेटे के चले जाने के सदमे से बेहाल हैं. वे बार-बार मूर्छित हुए जा रही हैं. पास में मौजूद महिलाएं पानी का छीटा मार उन्हें होश में ला रही थी. भाई संदीप और बहनों की भी मनोज के जाने के गम हाल बेहाल है.

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