सीवान में बगैर नम्बर वाली गाड़ियों से नगर परिषद् कराता है कचरे का उठाव, पुलिस और परिवहन विभाग नही करते कोई कार्रवाई
अभिषेक श्रीवास्तव
अपनी कारगुजारियों के चलते हमेशा सुर्ख़ियों में रहने वाले सीवान नगर परिषद् की एक और लापरवाही उजागर हुयी है. शहर में कूड़ा-करकट और गन्दगी को साफ़ करने के लिए सीवान नगर परिषद् ने बिना रजिस्टर्ड गाड़ियों को काम पर लगा दिया है. हालाकि शहर की सफाई व्यवस्था में लगी ये करीब दो दर्जन कचरा वाहने नगर परिषद् द्वारा ही क्रय की गयी हैं लेकिन नगर परिषद् ने किसी भी गाड़ी का परिवहन विभाग से रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है. वहीं बगैर नम्बर वाली नप की गाड़ियों को पुलिस और परिवहन विभाग भी कभी रोकते-टोकते नहीं हैं.
बता दे कि सीवान नगर परिषद द्वारा पिछले वर्ष शहर की साफ़-सफाई के लिए छोटी-बड़ी मिलकर कुल 23 नई गाड़ियों का क्रय किया गया. इनमे से कुछ मिनी वैन हैं तो कुछ ट्रैक्टर और बड़ी वाहने. सीवान नगर परिषद् इन सभी 23 गाड़ियों से शहर का कचरा हटवाने का काम लेता है. रोजाना सुबह ये गाड़ियाँ शहर के विभिन्न इलाको में जा कर सड़क और गलियों में इकट्ठे हुए कचरे को लाद कर दुसरे जगह गिराने का काम करती हैं. लेकिन, हैरत में डालने वाली बात ये है कि इनमे से किसी भी गाड़ी पर आप उसका नम्बर लिखा हुआ नही पायेगें. कारण कि नगर परिषद् ने इन सभी गाड़ियों का परिवहन विभाग से रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया है और बगैर रजिष्ट्रेशन के ही इन गाड़ियों को रोजाना शहर की सडको पर दौड़ाया जाता है. नगर परिषद् की छोटी कचरा वाहक गाड़ी के चाक योगीन्द्र राम का की माने तो उसे गाड़ी से सम्बंधित जो परमिट दिए गये हैं उसमे केवल चालक का नाम और उसका मोबाइल नम्बर है, गाड़ी के एकोई नम्बर नहीं है. वहीं बड़ी कचरा वाहक गाड़ी के चालक अमर कुमार का कहना है कि इस सम्बन्ध में कई बार शिकायत की गयी लेकिन नगर परिषद् के अधिकारी बगैर नम्बर के ही गाडी चलाने की बात कहते हैं. अमर कुमार ने बताया कि अधिकारी कहते हैं कि सरकारी और कचरे की गाड़ी को कोई नहीं रोकेगा.
दरअसल, ये पूरा मामला घोटाले और घपलेबाजी से जुड़ा हुआ है. सूत्रों की माने तो इन गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन न कराकर गाड़ियों के क्रय के लिए आवंटित राशि का बंदरबांट किया गया है. सूत्रों के अनुसार, गाड़ियों के क्रय के लिए जो राशि आवंटित की गयी उसमे गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन शुल्क, रोड टैक्स और बीमा की राशि भी शामिल थी. लेकिन गाड़ियों को बगैर रजिस्ट्रेशन शुल्क के ही ख़रीदा गया और एजेंसी को खुद से रजिस्ट्रेशन कराने की बात कही गयी. सरकारी विभाग का काम होने की वजह से गाड़ी एजेंसी वालों ने भी बगैर रजिस्ट्रेशन के ही गाड़ियों की सेल कर दी. इस सम्बन्ध में पूछे जाने पर जिला परिवहन पदाधिकारी कृष्ण मोहन सिंह भी नगर परिषद् को ही जिम्मेवार बताते हैं. डीटीओ कृष्ण मोहन सिंह के मुताबिक, गाडियां बगैर रजिस्ट्रेशन के खरीदी गयीं हैं और उसके रजिस्ट्रेशन के लिए नगर परिषद् द्वारा जिला परिवहन विभाग को कोई कागजात उपलब्ध नहीं कराया गया है. वहीं नगर परिषद् के कार्यपालक पदाधिकारी आर के लाल का कहना है कि जल्द ही नगर परिषद् द्वारा कचरा वाहक गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन के लिए परिवहन विभाग में अप्लाई किया जाएगा.
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