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सीवान : नगर परिषद का डंपिंग ग्राउंड बना शहर का सबसे पॉश इलाका मालवीय नगर

सीवान में शहर का पॉश इलाका माने जाने वाला मालवीय नगर मोहल्ला शासन-प्रशासन की बेख्याली के कारण नगर परिषद का डंपिंग ग्राउंड बनता जा रहा है. नगर परिषद द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर कूड़ा निस्तारण के लिए जमीन खरीदे जाने के बावजूद पूरे मोहल्ले के साथ-साथ आसपास के सभी इलाकों का कूड़ा और कचरा मालवीय नगर चौक के समीप हीं फेंका जा रहा है.

बता दें कि आज जहां पूरा देश कोरोना महामारी का सामना कर रहा है. सैकड़ो लोगो ने अपनो को खोया है. सरकार इससे निपटने के लिये स्वच्छ्ता पर विशेष जोर दे रही है. वहीं महामना पंडित मदन मोहन मालवीय के नाम पर बसे मालवीय नगर के चौराहे पर ही कूड़े का अंबार लगा हुआ है. यही नही डंपिंग ग्राउंड के ठीक पूरब वाले घर में कोरोना संक्रमित मरीज पाये गए हैं. बगल में ही महामना मदन मोहन मालवीय की मूर्ति भी लगी है.

विदित हो कि सड़क के पश्चिम तरफ डायट में संक्रमित रोगी रखे गए हैं और इसी स्थल से लगभग 100 मीटर उत्तर महादेवा में दो संक्रमित मरीजों की पहचान भी हुई है. ऐसी स्थिति में यह अत्यंत संवेदनशील स्थल है. मुख्य सड़क पर सब्जी का बाजार लगता है. यहां कूड़ा प्रबंधन की कोई व्यवस्था ही नही है. सब्जी, मुर्गा, मुर्गी वाले समेत चारो तरफ का कूड़ा यहीं फेंका जाता है. इसी कारण यहां की नालियां अवरुद्ध हो गई है और यहां पर सालोभर जलजमाव की स्थिति बनी रहती है. अनियंत्रित कूड़े और बजबजाती नालियों के कारण आसपास के लोगो का इस मार्ग से आना-जाना और रहना मुश्किल हो गया है. वहीं नगर परिषद की इस लापरवाही से यहां महामारी फैलने की प्रबल संभावना है.

वहीं इस संदर्भ मे मोहल्लेवासियो का कहना है कि पहले यह स्थिति नहीं थी. पूर्व के वार्ड कमिश्नर अभिनव रानू द्वारा स्वयं घुमघुमकर पूरे वार्ड की सफाईकर्मियों द्वारा सफाई कराई जाती थी. लेकिन उनके बाद बने नए वार्ड कमिश्नर का जनता की समस्या से कोई लेना देना नही है. वे अपने व्यवसाय में ही लगे रहते हैं. वार्ड की जनता किसी कार्य के लिए उनके पास जाती भी है तो उनसे मुलाकात तक नही हो पाती. लोगों ने बताया कि वार्ड कमिश्नर से लेकर नगर परिषद के उप सभापति और सभापति तक को कई बार इसके बारे में बताया गया, लेकीन आज तक कोई कार्रवाई नही हुई. वहीं नगर परिषद के सूत्र बताते हैं कि वर्त्तमान वार्ड कमिश्नर सुनील कुमार द्वारा अपने निजी व्यवसाय में व्यस्तता का हवाला देते हुए नप कार्यपालक पदाधिकारी को इस्तीफा दे दिया गया है. (राजीव रंजन की रिपोर्ट).

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