बदहाली के दौर से गुजर रहा पूर्व सीएम महामाया प्रसाद के गाँव का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र
कामाख्या नारायण सिंह
सीवान के महाराजगंज अनुमंडल स्थित पटेढ़ी गांव का अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र आज सरकारी उपेक्षा के कारण बदहाली के दौर से गुजर रहा है. पटेढ़ी गाँव निवासी और पूर्व मुख्यमंत्री महामाया प्रसाद ने सन 1970 में अपनी पुश्तैनी जमीन दान देकर 6 बेड वाले अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बनवाया. जिसका शिलान्यास भूतपूर्व गर्वनर एएस आमंगार के द्वारा किया गया था लेकिन, उस अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर न तो समय से कोई चिकित्सक आते हैं और न कोई कर्मचारी.नतीजतन, एडिशनल पीएचसी हमेशा बंद ही रहता है और मरीजो को अपना इलाज कराने अनुमंडल मुख्यालय या कही और जाना पड़ता है.
6 बेड वाले अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र में हाल-फिलहाल एक डॉक्टर, एक एएनएम, एक आदेशपाल की प्रतिनियुक्ति अतिरिक्त अस्पताल पर है. लेकिन जब ईटी विजन के संवाददाता ऑन-स्पॉट समाचार संकलन करने पहुंचे तो न अस्पताल खुला था, न डॉक्टर उपस्थित थे और ना हीं एएनएम. अलबत्ता, आदेशपाल बम भोले जरुर अपनी ड्यूटी बजाते नजर आये. आदेशपाल ने बताया कि एएनएम मैडम कहीं गई है और डॉक्टर साहब छुट्टी पर हैं.
गौरतलब है कि अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र पर सरकार का करीब 50 हजार रुपयें प्रति माह खर्च है. बावजूद इसके अस्पताल वीरान रहता है. आसपास के क्षेत्रवासियों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र बनाया गया था. कुछ माह पहले एक आयुष डॉक्टर की प्रतिनियुक्ती थी लेकिन, विभागीय पचरा के कारण वे भी अस्पताल छोड़ कर कहीं अनयंत्र चले गये. अस्पताल में न दवा का वितरण होता है और न हीं मरीज देखे जाते है. अस्पताल वीरान पड़ा है.
गांव के ग्रामीण गणोश दत्त शाही, महाराजगंज नपं के पूर्व अध्यक्ष नागमणी सिंह, रमेश कुमार आदि दर्जनों लोगों ने बताया कि अस्पताल में ईलाज के नाम पर खानापूर्ति की जाती है. मात्र 1 एएनएम के भरोषो पीएचसी को चलाया जाता है. वह भी मनमाने ढंग से. अधूरे भवन में माल-मवेशी व दिवार पर गोबर का चिपरी पाथा जाता है. भवन का हाल खस्ता है. स्व महामाया प्रसाद की कृतियां धवस्त हो रही है. उन्हें देखने वाला कोई नहीं. वहीं इस संबंध में महाराजगंज के पीएचसी प्रभारी एसएस कुमार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हाल-फिलहाल में एक एएनएम बबुन्ती कुमारी अस्पताल पर रखी गई है अगर, वह भी अस्पताल छोड़ कर गायब है तो उन पर विभागीय कार्रवाई की जाएगी.
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