सीवान के जीरादेई स्थित अकोल्ही गांव अकोल्ही धाम में हुआ परिणत, सावन में जलाभिषेक के लिए अनंतनाथ मन्दिर में उमड़ रही श्रद्धालुओं की भीड़
निलेश कुमार श्रीवास्तव
सीवान जिला के जीरादेई प्रखंड स्थित अकोल्ही गांव में स्थापित बाबा अनंतनाथ मंदिर लोगों की आस्था का केंद्र बनते जा रहा है. सावन में यहाँ जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगती है. और अब यह अकोल्ही गाँव अकोल्ही धाम में के रूप में विख्यात होने लगा है.
इस गांव के बुजुर्ग बताते है कि वर्षों पहले यहाँ एक अनंतनाथ नाम के तपस्वी रहा करते थे. इस जगह पर वे अपनी एक कुटीया बना कर तपस्या किया करते थे. वे हमेशा भगवान की भक्ति मे लींन रहा करते थे. कुछ दिनों के बाद वे इसी जगह जिन्दा समाधी ले लिए. समाधी लेने के कुछ दिनों के बाद उनके समाधी स्थल पर लोग पूजा-पाठ करने लगे और फिर लोगों ने वहां एक छोटा मंदिर नुमा भवन का निर्माण कराया.
इधर, सात -आठ साल पहले सावन के महीना में सोमवार के दिन अचानक वहां एक नाग निकलने लगा जो कि मंदिर में भ्रमण करने के बाद अदृश्य हो जाया करता था. लोगों ने उसे नागदेवता मान लिया जिसे देखने के लिए सावन में भारी भीड़ इकठ्ठा होने लगी.और तबसे यह मंडित विख्यात हो गया. यहाँ दूर दूर से श्रद्धालु गण दरौली सरयू नदी से जल ला कर बाबा पर चढ़ाते है. यहाँ की मान्यता है कि जो बाबा के दरबार में सच्चे दिल से मागता है उनकी मनोकामना पूर्ण होती है. मनोकामना पूर्ण होने के पश्चात लोग यहाँ मंदिर में घंटे बांधते हैं.
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