सीवान में शनिवार को बिहार राज्य सुन्नी वक्फ बोर्ड के जिला सचिव और जदयू नेता मंसूर आलम के पैतृक गाँव मोहिद्दीनपुर स्थित मस्जिद के पास दावत-ए इफ्तार का आयोजन किया गया. जिसमे जदयू-राजद महागठबंधन के कई नेता और कार्यकर्त्ताओं समेत बड़ी संख्या में रोजेदारों ने शिरकत की.
इस अवसर पर जनाब मंसूर आलम ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि रमजान के महीने में रोजेदारों को इफ्तार कराने वालों पर भी अल्लाह की रहमतों की बारिश होती है. उन्होंने बताया कि साल के बारह महीनों में रमजान का महीना मुसलमानों के लिए खास मायने रखता है. इनसान गलतियों के पुतले की तरह होता है. इनसान को गलतियों को सुधारने का मौका भी रमजान के रोजे में मिलता है. गलतियों के लिए तोबा करने एवं अच्छाइयों के बदले बरकत पाने के लिए भी इस महीने की इबादत का महत्व है. यह महीना संयम और समर्पण के साथ खुदा की इबादत का महीना माना जाता है, जिसमें हर आदमी अपनी रूह को पवित्र करने के साथ अपनी दुनियादारी की हर हरकत को पूरी तत्परता के साथ वश में रखते हुए केवल अल्लाह की इबादत में समर्पित हो जाता है.
इस मौके पर महाराजगंज के जदयू विधायक हेम नारायण साह, पूर्व जदयू जिलाध्यक्ष चंद्रकेतु सिंह, लाल बाबू प्रसाद, सलीम सिद्दीकी पिंकू, गौतम यादव, सोना मुखिया, औरंगजेब, सद्दाम,पिंटू, मिश्रा जी आदि मौजूद रहें.
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