Abhi Bharat

सीवान : बड़हरिया प्रखंड में शराब के साथ स्मैक एवं गांजा तस्करों की चांदी, बेरोक टोक चल रहे दर्जनों अड्डे

सीवान जिले के बड़हरिया थाना क्षेत्र मे लगातार शराब, गांजा एवं स्मैक की तस्करी एवं बिक्री का धंधा धड़ल्ले से चल रहा है. पुलिस की कार्रवाई पर नजर डालें तो पहले कई बार पुलिस द्वारा अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर क्षेत्र में विस्तृत होते शराब और गांजा तस्करी के धंधे तथा स्मैक बिक्री और तस्करी पर लगाम लगाने की कवायद की जा चुकी है.

बताते चलें कि काफी दिनों तक पुलिस द्वारा निगरानी के लिए विशेष व्यवस्था बनाई गई थी. पुलिस की दबिश बढ़ते देख तस्करों ने खुलेआम बिक्री एवं तस्करी से परहेज शुरू किया था, क्योंकि इन्हें यह महसूस हो चुका था कि पुलिस इनके ठिकानों पर छापेमारी कर रही है और इनकी तलाश कर रही है. कुछ दिनों तक प्रयास के बाद पुलिस ने ताबड़तोड़ छापेमारी में यह समझ कर ढील दी की कि अब धंधेबाज क्षेत्र में धंधे से परहेज कर रहे हैं. बता दें कि तस्करी का धंधा थमा नहीं था क्योंकि भले ही पुलिस को भनक ना मिल रही हो कि क्षेत्र में शराब एवं स्मैक और गांजा की तस्करी जोरों पर है. लेकिन तस्करों का काम गुपचुप रूप से जारी था,अब स्थिति यह है कि अंदर-अंदर तस्करों का नेटवर्क इतना मजबूत हो चुका है कि प्रतिदिन नए लोगों को गैर कानूनी धंधे में शामिल किया जा रहा है और उनके सहारे प्रखंड मुख्यालय से लेकर ग्रामीण इलाकों में झोपड़ीनुमा होटल और बगीचों में चलती फिरती दुकानें लगा कर लोगों तक जानलेवा नशीला पदार्थ पहुंचाया जा रहा है.

ताजा जानकारी के अनुसार, शराब और गांजा और स्मैक तस्करी का कारोबार इतना विस्तृत हो चुका है कि दूसरे राज्यों से बड़े तस्करों की नजर इस क्षेत्र में सेफ मान कर इस अवैध धंधे को बढ़ाने मे लगे हुए है. स्थानीय प्रशासन पुलिस चाह कर भी भी विस्तृत होते इस गैर कानूनी धंधे पर लगाम लगाने में विफल साबित हो रही है. मामला गंभीर है. अब सवाल है कि वह ठिकाने कौन से हैं जहां तस्करी का पूरा अवैध धंधा सुबह 4 बजे से शुरू होता है और देर रात तक नशेड़ी नशीले पदार्थ की खरीदारी के लिए ठिकानो पर आते जाते रहते हैं. लोगों की माने तो नाम नही छापने के शर्त पर मिली जानकारी के अनुसार, थाना क्षेत्र के ज्ञानी मोड़, यमुनागढ़, पहाड़पुर बाजार, सुंदरपुर सुंदरी बाजार, कुंडवा बाजार, पडरौना बाजार, के साथ-साथ एक दर्जन ग्रामीण चट्टी और बाजारों पर ठिकाने बनाए गए हैं, जहां घंटों नशेड़ीयों की भीड़ लगी रहती है. नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि इसमें शराब एवं स्मैक और गांजा का कारोबार लघु उद्योग बन गया है. लोगों की माने तो यह अवैध धन्धा इस कदर बढ़ चुका है कि उपरोक्त सभी बाजार पर यदि पुलिस गंभीरता पूर्वक सर्च अभियान चलाए तो आवागमन के दौरान कई लोग ऐसे जरूर मिल जाएंगे जिनके पैकेट से शराब एवं स्मैक और गांजे की कई पुड़िया बरामद हो जायेगी. बहरहाल, बिहार में अवैध धंधा कानून और कागज पर बंद है, लेकिन होम डिलीवरी तक की सुविधा है. (समरेंद्र ओझा की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.