सीवान : जर्जर तार व बिजली कटौती को लेकर ग्रामीणों ने सड़क जामकर किया प्रदर्शन
सीवान || जिले के हसनपुरा प्रखंड के अरंडा स्थित नरसिंह बाबा के समीप गुरुवार को सैकड़ों नगरवासियों ने सीवान-सिसवन मुख्य पथ स्टेट हाइवे-89 पर बिजली के अघोषित कटौती व जर्जर तार को लेकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी की. नगरवासियों ने मुख्य मार्ग पर टायर जला व बांस बल्ले से मार्ग को अवरुद्ध कर दिया और बिजली कटौती व जर्जर तार बदलने के लिए वरीय अधिकारियों को बुलाने लगे.
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि जर्जर तार के सहारे बिजली आपूर्ति बहाल की जा रही है, जहां बिजली आते ही 20-30 मिनट में जर्जर तार टूट कर गिर जाता है. यह क्षेत्र में प्रतिदिन का सिलसिला है. संयोगवश कोई बड़ी घटना नही घटित होती है. इसकी सूचना स्थानीय जेई सतीश कुमार को दी गई, लेकिन जेई द्वारा छः माह से जर्जर तार बदल नए केबल लगाने का आश्वासन दिया जाता रहा है. सिर्फ आश्वासन पर आश्वासन के बाद आखिरकार लोगों ने मुख्य सड़क जाम का बिजली विभाग के खिलाफ प्रदर्शन किया.
करीब दो घंटे जाम रहा मुख्य सड़क
इस तरह करीब 2 घंटे मुख्य सड़क बंद रहा. जहां सीवान से हसनपुरा व हसनपुरा से सीवान जाने वाले राहगीरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. खासकर इस जाम में स्कूली बसे भी फंसी रही. वहीं दोपहिया, तीनपहिया वाहन मुख्य मार्ग से हटकर विभिन्न मार्गों से अपने गंतव्य के तरफ बढ़ते दिखे. सड़क जाम होने से सबसे ज्यादा परेशानी वैसे राहगीर को हुई जो पैदल इस उमस भरी गर्मी में अपने गंतव्य के तरफ जा रहे थे. वहीं मुख्य मार्ग जाम की सूचना पर डायल 112 की वाहन, एमएच नगर थाने से प्रशिक्षु दरोगा गौतम कुमार ने अपने दल बल के साथ व अंचल के कर्मी ने उक्त स्थल पहुंच लोगों से संवाद स्थापित किया. जहां अंचल के कर्मी व पुलिस अधिकारियों ने बिजली विभाग के एसडीओ से फोनिक बात कर मामले को अवगत कराया. एसडीओ ने जर्जर तार को शीघ्र ही बदलने को आश्वस्त किया, उसके बाद नगरवासी प्रदर्शन व जाम खत्म कर वापस लौटे.
नगर पंचायत कार्यालय में कार्य रहा ठप
वहीं बिजली आपूर्ति नही रहने से नगर पंचायत कार्यालय में कार्य ठप रहा. कर्मी लाइट आने की प्रतीक्षा करते दिखे. लोग जन्म-मृत्यु सहित अन्य कार्य के लिए परेशान दिखे. वहीं राजद नेता शारिक इमाम ने कहा कि नवगठित नगर पंचायत में स्मार्ट मीटर लगाया जा रहा है, लेकिन अधिकारी बिजली कटौती व जर्जर तार पर ध्यान नही दे रहे हैं. जिला व राजधानी में स्मार्ट मीटर लगाने चाहिए, न कि गांव और देहात में लगाया जाए. (सेंट्रल डेस्क).
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