सीवान : जिस प्रेमिका के अपहरण के आरोप में जेल गया युवक, कोर्ट के आदेश पर उसी से रचाई शादी, पुलिस वाले बने बाराती
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सीवान || जिले में सोमवार को सिविल कोर्ट का एक ऐतिहासिक फैसला देखने को मिला, जहां एक युवती के अपहरण के आरोप में जेल में बंद युवक को कोर्ट ने उसी युवती से शादी रचाने के लिए एक घंटे का पैरोल दिया. कोर्ट के आदेश के बाद जेल प्रशासन ने युवक को जेल से निकाल मंदिर में उसकी शादी कराई, जिसके गवाह और बाराती बने पुलिस वाले.
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मिली जानकारी के अनुसार, गोरियाकोठी प्रखंड के हरेराम सिंह और खुशी कुमारी के बीच काफी लंबे समय से प्रेम-प्रसंग चल रहा था. दोनों ने घर से भाग कर साथ रहने का फैसला किया था, लेकिन लड़की के परिजनों को यह रिश्ता मंजूर नहीं था और लड़की के परिवार ने हरेराम सिंह पर अपहरण का मुकदमा दर्ज करा दिया. जिसके बाद पुलिस ने प्रेमी लड़के को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. यह मामला पिछले एक वर्ष से कोर्ट में लंबित था. जब इस मामले की सुनवाई एसीजेएम प्रथम कमलेश कुमार की अदालत में हुई, तब उन्होंने एक अनोखा आदेश जारी किया. अदालत ने कहा कि हरेराम सिंह को एक घंटे के लिए जेल से रिहा किया जाए ताकि वह अपनी प्रेमिका खुशी कुमारी से हिंदू रीति-रिवाजों के अनुसार शादी कर सके और इसकी सूचना न्यायालय को दी जाए. आदेश मिलते हीं पुलिस और जेल प्रशासन ने हरेराम सिंह को कड़ी सुरक्षा के बीच सीवान व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित राधा-कृष्ण मंदिर में लाया, जहां पहले से मौजूद खुशी कुमारी के साथ उसकी शादी कराई गई. शादी के दौरान पुलिस, वकील और कई स्थानीय लोग गवाह बने.
वहीं शादी पूरी होते ही हरेराम सिंह को फिर से जेल भेज दिया गया. हालांकि अब उनके वकील इस आधार पर उन्हें जमानत दिलाने की प्रक्रिया में जुट गए हैं. इस फैसले को लेकर न्यायपालिका की तारीफ की जा रही है, क्योंकि इससे न सिर्फ एक प्रेम कहानी को अंजाम तक पहुंचने का मौका मिला है बल्कि समाज में आपसी सहमति से विवाह को भी प्राथमिकता दी गई है. इस मामले ने साबित कर दिया कि कानून सिर्फ सजा देने के लिए नहीं बल्कि इंसाफ और सुलह का भी रास्ता दिखाने के लिए बना है. (ब्यूरो रिपोर्ट).