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सीवान : संतान का मुंह देखे बिना शहीद हुये जिले के लाल रामबाबू, चार महीने पहले हुई थी शादी, तीन माह की गर्भवती है पत्नी, गांव वसिलपुर में शोक की लहर

सीवान || जिले के गौतम बुद्ध नगर थाना क्षेत्र अंतर्गत वसिलपुर गांव निवासी बीएसएफ जवान रामबाबू देश की सेवा करते हुए शहीद हो गए. रामबाबू भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान ड्यूटी पर तैनात थे और दोनों देशों के बीच सीजफायर हो जाने के बाद सोमवार को एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 चलाते समय पाकिस्तान द्वारा धोखे से की गई गोलीबारी में गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली.

रामबाबू के शहादत की खबर से वसिलपुर गांव में शोक की लहर

वहीं रामबाबू के शहादत की खबर के बाद पूरे वसिलपुर गांव में शोक की लहर है. चाचा शशिकांत पासवान ने बताया कि रामबाबू दो भाइयों में छोटा था और ग्रेजुएट था, जिसकी बहाली 2018 में आर्मी में हुई थी. बड़ा भाई अखिलेश सिंह झारखंड के हजारीबाग में रेलवे में लोकोपायलट के पद पर कार्यरत है.

पिता का दो साल पहले निधन, मां बीमार

शहीद रामबाबू के पिता रामविचार प्रसाद, जो पूर्व उपमुखिया भी थे, का दो वर्ष पूर्व निधन हो चुका है. वहीं मां की तबीयत पहले से हीं खराब है और इस कारण परिवार ने अभी तक उन्हें रामबाबू के शहीद होने की खबर नहीं दी है.

चार महीने पहले हुई थी शादी, पत्नी हैं गर्भवती

बता दें कि रामबाबू की शादी महज चार महीने पूर्व झारखंड के धनबाद में हुई थी. पत्नी गर्भवती हैं और इस दर्दनाक खबर से वे भी अभी तक अनजान हैं. उन्हें घायल की सूचना देकर मायके वाले धनबाद से मंगलवार सुबह शहीद के घर लेकर पहुंचे.

ससुर ने कहा सोमवार को 11 बजे तक बेटी दामाद में हुई है बात

शहीद रामबाबु के ससुर सुभाष चन्द्र शर्मा ने बताया कि 14 दिसम्बर 2024 को बेटी कुमारी अंजली जो एयर इंडिया में पोस्टेड थी, की शादी आर्मी में तैनात रामबाबू के साथ हुई थी. शादी के बाद दोनों साथ थे और 10 अप्रैल को वे छुट्टी समाप्त कर जम्मू-कश्मीर ड्यूटी पर लौटे थे. बेटी लगभग तीन माह की गर्भवती है और वे अभी मायके धनबाद में थी, जहां बीते सोमवार 12 मई को लगभग 11 बजे तक दोनों के बीच बात चीत हुई है. जिसके बाद लगभग 3 बजे सेना की तरफ से घटना की सूचना दी गई. शहीद रामबाबू की एयर डिफेंस सिस्टम एस 400 को चलाने में ड्यूटी थी. ससुर का कहना है कि जब सीज़फायर हो गया है, तब मेरे दामाद के साथ ये घटना कैसे घट गई?

प्रशासनिक अधिकारियों ने लिया जायजा

जिले के लाल रामबाबू के शहादत की सूचना मिलते हीं अनुमंडल पदाधिकारी सुनील कुमार और अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अजय सिंह शहीद के घर पहुंचे और परिवार से मुलाकात की. हर ओर शोक की लहर है.

शव के आने की प्रतीक्षा में गांव

परिवार वालों के अनुसार, शहीद का पार्थिव शरीर बुधवार की दोपहर 3 से 4 बजे तक गांव पहुंचने की संभावना है. गांव में अंतिम दर्शन की तैयारी की जा रही है, और लोगों का तांता लगना शुरू हो गया है.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए आश्रितों को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रुपए सम्मान स्वरूप देने का किया ऐलान

उधर, बीएसएफ जवान रामबाबू सिंह के शहीद होने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गहरी शोक संवेदना व्यक्त की है और कहा है कि उनकी शहादत को देश हमेशा याद रखेगा. वे इस घटना से काफी मर्माहत हैं. मुख्यमंत्री ने वीर सपूत की शहादत पर उनके परिजनों को दुख की इस घड़ी में धैर्य धारण करने की शक्ति प्रदान करने की ईश्वर से प्रार्थना की है. वहीं मुख्यमंत्री ने कहा है कि शहीद जवान रामबाबू सिंह के निकटतम आश्रित को राज्य सरकार की ओर से 50 लाख रूपये की सम्मान राशि दी जायेगी, साथ ही शहीद जवान रामबाबू सिंह का राज्य सरकार की ओर से पुलिस सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जायेगा.

गौरतलब है कि देश की रक्षा में शहीद होने वाले बीएसएफ जवान रामबाबू की शहादत केवल एक परिवार का नुकसान नहीं बल्कि पूरे देश की अमूल्य क्षति है. उनका बलिदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा. देश के ऐसे लाल को अभी भारत भी सैल्यूट करता है. (ब्यूरो रिपोर्ट).

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