सीवान : सरकारी स्कूलों में सबमर्सिबल पंप लगाने में भारी अनियमितता उजागर, पचरुखी प्रखंड के अधिकतर स्कूलों में सबमर्सिबल लगने के बाद भी नहीं मिल रहा पानी
सीवान || जिले के सरकारी स्कूलों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लगाए जाने वाले सरकार की सबमर्सिबल योजना में बड़े पैमाने पर अनियमितता उजागर हुई है. एजेंसी और ठीकेदारों द्वारा कहीं भी शिक्षा विभाग के मानक के अनुरूप कार्य नहीं किया गया है. वहीं विद्यालयों में सबमर्सिबल पंप लगाने के बाद भी शुद्ध पेयजल मयस्सर नहीं हो रहा है.
गौरतलब है कि जिले के पचरुखी प्रखंड के प्राथमिक, मध्य और हाई स्कूलों में बच्चों को शुद्ध और स्वच्छ जल मिले, इसके लिए सबमर्सिबल से पानी देने का शिक्षा विभाग ने निर्णय लिया था. हालांकि शिक्षा विभाग के इस आदेश के आलोक में प्रखंड के दर्जनों विद्यालयों में सबमर्सिबल पंप लगाया भी गया है. लेकिन, एक तरफ जहां कार्य अधूरा होने के कारण अबतक बच्चों को शुद्ध पानी मिलना शुरू नही हो सका है, वहीं सबमर्सिबल लगाने के दौरान एजेंसी द्वारा विभाग से तय मानक की पूरी तरह अनदेखी की गयी है. इधर, शिक्षा विभाग को भी यह पता नही है कि प्रखंड के कितने स्कूलों में सबमर्सिबल लगाया जाना था और अबतक कितने स्कूलों लगाया जा चुका है. जिन विद्यालयों में सबमर्सिबल पंप लगा है, उसमें ज्यातर जगह पर अब तक पानी चालू ही नही हो सका है, जबकि पंप लगाने के दौरान तय मानक को ध्यान में नही रखा गया है और दो टंकियों की जगह एक टंकी ही लगाया गया है.
बता दें कि पचरुखी प्रखंड के प्राथमिक कन्या विद्यालय जसौली खड्ग में करीब दो माह पहले वोरिंग कर सबमर्सिबल पंप लगाया जा चुका है. स्कूल के छत पर एक टंकी रखकर पाइप लाइन भी दौड़ाया जा चुका है, लेकिन अबतक पानी चालू नही किया जा सका है. स्कूल की हेडमास्टर बहिस्तुन आरा ने अभी भारत को बताया कि दो माह पहले ही बोरिंग का कार्य पूरा कर सबमर्सिबल मोटर डाला जा चुका है. लेकिन, एजेंसी द्वारा अब तक मोटर चालू नही किया गया है और न हीं नलों की टोंटी लगाई गई है. हेडमास्टर ने बताया कि कार्य के दौरान एजेंसी द्वारा मनमानी की गयी है और जरूरत के हिसाब से नल लगाने के बजाय एजेंसी के कर्मियों द्वारा अपने ढंग से पाइप लाइन दौड़ाने का कार्य किया गया है. (सेंट्रल डेस्क).
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