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सहरसा : लार्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज में डीएम ने किया आरटी-पीसीआर मशीन का उद्घाटन

सहरसा में गुरुवार को लार्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज बैजनाथपुर में जिलाधिकारी कौशल कुमार ने कोविड-19 एवं अन्य संक्रमण रोगी की जांच के लिए बीएसएल लेवल-2 आरटी-पीसीआर जांच मशीन एवं लैब का विधिवत उद्घाटन किया.

उद्घाटन के उपरांत जिलाधिकारी ने कहा कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के गाइडलाइन के अनुसार जितने भी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज हैं, सभी को उनमें जांच हेतु आरटी-पीसीआर लैब स्थापित किया जाना था. इसी के आलोक में गुरुवार को लार्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज में आरटी-पीसीआर मशीन एवं लैब की स्थापना हुई है.

स्थानीय स्तर पर आसानी से जांच की सुविधा उपलब्ध होगी :
जिलाधिकारी कौशल कुमार ने बताया कि जो भी मरीज यहां जांच के लिए आएंगे उनकी जांच की जाएगी. मशीन से प्रतिदिन यहां 700 से 800 सैंपलों जांच की जाएगी. इसके अलावा आगे सरकार के दिशानिर्देशों के आलोक में जांच की संख्या बढ़ाई भी जाएगा. उन्होंने बताया कि अभी यहां निजी स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध की जाएगी. इसके बाद निर्देशों के आलोक में बदलाव किया जा सकेगा. इसकी स्थापना के बाद कोविड 19 के संक्रमण के प्रभाव में आए लोगों को जांच के लिए ज्यादा भाग दौड़ नहीं करनी पड़ेगी. लोगों को स्थानीय स्तर पर आसानी से जांच की सुविधा उपलब्ध होगी.

सक्षम एवं प्रशिक्षित प्राध्यापक एवं तकनीशियन रहेंगे तैनात :
वहीं इस अवसर पर मेडिकल कॉलेज के चेयरमैन डॉ पीके सिंह ने बताया कि आरटी-पीसीआर मशीन के माध्यम से कई प्रकार के टेस्ट होते हैं. इसमें कई प्रकार के संक्रमण के टेस्ट भी सम्मिलित है. कोरोना वायरस की अंतिम पहचान इसी टेस्ट के माध्यम से होती है. साथ ही उन्होंने बताया कि इसके परिणाम पर किसी प्रकार का संचय नहीं होता है. उन्होंने आगे बताया कि आरटी-पीसीआर जांच के लिए स्थापित मशीन काफी महंगी और संवेदनशील है. अथक प्रयास के बाद इसे स्थापित किया गया है। उन्होंने बताया कि मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के द्वारा लगातार जांच की संख्या बढ़ाने का निर्देश दिया जा रहा था, इसी के आलोक में यह कदम उठाया गया है. प्रशासन की ओर से भी जांच स्थानीय स्तर पर भी हो इसको लेकर लगातार कवायद जारी था. उन्होंने बताया कि इस मशीन के द्वारा 56 मिनट में 90 सैंपलों की जांच की जा सकेगी. कुछ उपरांत के बाद इसे पुन: जारी रखा जा सकता है. औसतन 800 सैंपलों की जांच प्रतिदिन की जा सकेगी. उन्होंने बताया कि सभी प्रकार के संक्रमण के जांच के लिए सक्षम एवं प्रशिक्षित प्राध्यापक एवं तकनीशियन को यहां लगाया गया है.

आरटी-पीसीआर जांच मशीन थर्मोफिशर यूएसए प्रायोजित है :
उद्घाटन के अवसर पर अस्पताल प्रबंधन द्वारा बताया गया कि बायोसेफ्टी लैब लेवल 2 के मानक के आरटी-पीसीआर जांच लैब से व्यवापक स्तर पर सैंपलों की जांच हो सकेगी. यहां वर्तमान में वायरस, बैक्टीरिया जनित संक्रमित सभी रोगों की जांच जिसमें कोविड-19 एवं सार्स वायरस संक्रमण की जांच में सम्मिलित है की जाएगी. स्थापित आरटी-पीसीआर जांच मशीन थर्मोफिशर यूएसए प्रायोजित है. वर्तमान में विश्व स्तर पर सबसे अधिक कोविड 19 की जांच में इस मशीन के उपयोग किया जा रहा है. मशीन के उद्घाटन के अवसर पर जिले के सिविल सर्जन डाक्टर अवधेश कुमार, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, प्राध्यापक, मेडिकल के सभी कर्मी एवं छात्र उपस्थित थे !

वर्तमान में चार तरह के टेस्ट हो रहे हैं :
बता दें कि देश में अभी कोविड-19 की जांच के लिए वर्तमान में चार तरह के टेस्ट हो रहे हैं. इसमें सबसे पहला पहला है आरटी-पीसीआर टेस्ट, दूसरा ट्रूनेट या सीबीनैट टेस्ट जबकि तीसरा एंटीजन टेस्ट और चौथा एंटीबॉडी टेस्ट है. इधर, कोविड-19 की लड़ाई में तीन स्वदेशी वैक्सीन पर काम लगातार जारी है. पिछले दिनों ही केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण, नीति आयोग के सदस्य डॉ वीके पॉल और आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने बताया कि तीनों वैक्सीन, ट्रायल के अलग-अलग चरणों में हैं. वहीं एक वैक्सीन के ट्रायल के तीसरे और आखिरी चरण में है. वहीं दो वैक्सीन का ट्रायल अपने पहले और दूसरे चरण में है. इसमें सफलता मिलती है तो निश्चय ही देश की जनता को बड़ी राहत मिलने वाली है. (राजा कुमार की रिपोर्ट)

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