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सहरसा : बिहार औद्योगिक नव-प्रवर्त्तन योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को डीएम ने राशि हस्तांतरण का स्वीकृति पत्र दिया


सहरसा में गुरुवार को विकास भवन के सभागार मे राज्य के बाहर से आये कामगारों को अपने जिला में ही स्वरोजगार मुहैया कराने के लिए बिहार औद्योगिक नव-प्रवर्त्तन योजना के अंतर्गत कुल पांच समूह एवं 18 व्यक्तिगत ऋण हेतु संबंधित लाभार्थियों को जिलाधिकारी कौशल कुमार ने राशि हस्तांतरण का स्वीकृति पत्र प्रदान किया.

उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के कारण विभिन्न राज्यों से आये कामगारों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा बिहार औद्योगिक नव-प्रवर्त्तन योजना के तहत अनुदान राशि सहित ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है. प्राप्त ऋण राशि से वे अपना रोजगार करेगें. जिलाधिकारी ने सभी व्यक्तिगत एवं समूह लाभार्थियों से उनकी पृष्ठभूमि, पहले कहां काम करते थे, प्राप्त राशि से किस प्रकार के रोजगार करेगें, क्या संभावनाएं है आदि बारी-बारी से जानकारी ली और मार्गदर्शन भी किया. मे कहरा पेभर ब्लॉक, कहरा समूह के लाभार्थियों को आठ लाख का ऋण दिया गया. उनसे से पूछा कि पहले कहां और क्या काम करते थे, पेभर ब्लॉक बनाने का अनुभव है या नहीं, मशीन कहां से लायेगें, कहां प्लांट बैठायेगें, निर्मित पेभर ब्लॉक कहा सप्लाई करेंगे आदि. समूह द्वारा बताया गया कि वे पहले पंजाब मे काम करते थे. लॉकडाउन के कारण अपने घर आये है और यहीं रोजगार तलाश रहे थे. 12 व्यक्तियो का समूह है, पेभर ब्लाक का प्लांट कहरा प्रखंड के मोहनपुर में बैठायेगे यदि मांग अधिक होगी तो और व्यक्तियों को समूह मे जोडेगें.

जिलाधिकारी ने कहा कि सात निश्चय योजना के अंतर्गत जिले मे नली-गली योजना मे पेभर ब्लाक की काफी मांग है, इस योजना में आपूर्ति करें. जितना उत्पादन करेगें उतनी मांग बढेगी, सरकारी योजनाओं मे पेभर ब्लाक की काफी मांग रहती है. जितना बनायेगे उतना कमायेगें. यही रोजगार मिल जायेगा तो कही जाने की जरूरत नहीं होगी. उन्होने 15 सितम्बर तक प्लांट बैठाते हुए उत्पादन शुरू करने को कहा कि वे भी आकर उत्पादन का कार्य देखेगें. दूसरे समूह मे न्यू फैसन टेलर्स, सौरबाजार के लाभार्थियों द्वारा बताया गया कि वे पहले दिल्ली में जिंस, बच्चो के कपड़े की फैक्ट्री मे काम करते थे. दस लोगो का हमारा समूह है. छः लाख रूपये प्राप्त राशि से एक साथ दो तरफ सिलाई करने वाला मशीन खरीदेगें तथा स्थानीय बाजार एवं विद्यालयों मे आपूर्ति करेंगें. जिलाधिकारी ने उप विकास आयुक्त का निर्देश दिया कि काफी निजी विद्यालयों है उनमें यूनिफार्म आपूर्ति हेतुं इस समूह को सहयोग करे. साथ ही आंगनबाडी केन्द्रों पर यूनिफार्म आपूर्ति हेतु समंवय कराते हुए समूह को सशक्त करें. समूह से जिलाधिकारी ने कहा कि आप भी अपने स्तर से मांग बढाये और साथ ही उनके स्तर से हर संभव सहयोग किया जायेगा, और लोगो को भी समूह में जोडे, अतिरिक्त राशि की जरूरत होगी तो उपलब्ध करायी जायेगी. इसी प्रकार मे देव इंडस्ट्रीज कहरा द्वारा बताया गया कि वे गुणवत्तापूर्ण एवं बिना मिलावट मसाला उत्पादन का उद्योग स्थापित कर स्थानीय बाजार में आपूर्ति करेगें. जिलाधिकारी ने सलाह दी कि गुणवत्तापूर्ण उत्पादन करे, ब्रांड बनाये, जिला प्रशासन के स्तर से सहयोग मिलेगा, टेस्टिंग कराकर निबंधन कराया जायेगा. इस समूह को आठ लाख रूपये का ऋण दिया गया. इसी प्रकार मे विश्वकर्मा फर्निचर, सिमरी बख्तियारपुर को फर्निचर उद्योग के लिए सात लाख रूपये, मे पतरघट टेलर्स, पतरघट के दर्जी कार्य के लिए छः लाख रूपये ऋण का स्वीकृति पत्र प्रदान किया गया. व्यक्तिगत स्वरोगजागर मे विभिन्न कार्यो यथा पेपर प्लेट निर्माण, पिज्जा बर्गर की दुकान, मसाला निर्माण, फोटोग्राफी, एलेक्ट्रीकल दुकान, मुर्गीदाना उत्पादन, कम्प्युटर मरम्मती, फर्नीचर निर्माण आदि कार्यो हेतु 18 लार्भार्थयों को अलग-अलग राशि के ऋण का स्वीकृति पत्र जिलाधिकारी ने प्रदान किया. जिलाधिकारी ने कहा कि विभिन्न कार्यो के लिए आर. सेटी द्वारा प्रशिक्षण प्रदान किया जायेगा. योजना के अंतर्गत प्राप्त राशि का सदुपयोग करते हुए अपने जिला में ही अपना रोजगार करे और अन्य लोगों को भी अपने साथ जोड़ते हुए उन्हें भी रोजगार दें. अब रोजगार के लिए आपको बाहर अन्य राज्य जाने की जरूरत नहीं है.

इस अवसर पर उप विकास आयुक्त राजेश कुमार सिंह, महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र, निदेशकआर सेटी, प्रखंड विकास पदाधिकारी कहरा एवं अन्य उपस्थित थे. (राजा कुमार की रिपोर्ट).

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