पटना में आयोजित पांच दिवसीय महिला उद्योग मेला संपन्न, सीवान के अराध्या चित्रकला के स्टॉल न बटोरी लोगों की वाहवाही
अभिषेक श्रीवास्तव
बिहार की राजधानी पटना में बिहार महिला उद्योग संघ द्वारा आयोजित 23 वां दशहरा महिला उद्योग मेला का सोमवार को समापन हो गया. पटना के बोरिंग केनल रोड स्थित श्रीराम उत्सव हॉल में पिछले सात सितम्बर से आयोजित इस पांच दिवसीय महिला उद्योग मेला में सीवान के अराध्या चित्रकला संस्थान द्वारा लगाई गयी प्रदर्शनी स्टॉल ने खूब वाहवाही बटोरी.
बता दे कि मेले में कुल 115 स्टॉल लगाये गये थे जिनमे सीवान के अराध्या चित्रकला संस्थान की प्रशिक्षु कलाकारों सुष्मिता, सर्वत व बटुल द्वारा स्टॉल लगाकर कला का प्रदर्शन किया गया. ट्रेडिशनल आइकॉन के नाम से फेमस सीवान की सुष्मिता की बचपन से ही कला के क्षेत्र में रूचि रही है. फैशन डिजायनिंग में पोस्ट ग्रेजुएट के बाद सुष्मिता अराध्या चित्रकला संस्थान से फाइन आर्ट कर रही है और पेंटिंग के क्षेत्र में ऑनलाइन काम करती है. सुष्मिता की जिन्दगी का मुख्य लक्ष्य है कि वह पारम्परिक कला के पारी लोगों में जगुरकता लाये.
अभी भारत से बात करते हुए सुष्मिता ने बताया कि बिहार में सिर्फ मधुबनी, टिकुली, सिल्की और मंजूषा आदि कलाओं तक ही सिमटा हुआ है. लेकिन बिहार इसके अलावें अन्य बहुत सी कलाओं से परिपूर्ण रहा है जो अपनी संस्कृति को समेटे हुए है. सुष्मिता ने कहा कि आजकल लोगों को पारम्परिक कला के बारे में खास जानकारी नहीं है और ना ही इन्टरनेट पर भी कोई जानकारी उपब्ध है. जिस कारण पारम्परिक कलाएं बिल्पन के कगार पर हैं. सुष्मिता ने बताया कि इन कलाओं को जिन्दा रखने के उद्देश्य से वह नए तरीके और अंदाज से काम कर रही है. सुष्मिता अपनी इस सफलता के लिए अपने शिक्षक रजनीश कुमार के साथ साथ अपने परिजनों को श्रेय देती है.
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