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नालंदा : अल्ट्रासाउंड लिखने के लिए दबाव बना रही आशा ने इंकार करने पर डॉक्टर को दी धमकी

नालंदा के बिहारशरीफ सदर अस्पताल में इनदिनों मरीज के साथ-साथ व्यवस्था के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है. इस प्रकरण में आशा की सबसे बड़ी भुमिका बताई जा रही है लेकिन इस पर कोई ठोस कदम उठाने से अस्पताल प्रशासन हिचक रहा है. ताजा मामला सदर अस्पताल में देखने को मिला, जहां महिला ओपीडी में डियुटी कर रही चिकित्सक डॉ सीमा कुमारी पर नूरसराय की आशा नीतु कुमारी द्वारा मरीज को अल्ट्रासाउंड लिखने के लिए दबाव बनाया गया और डॉक्टर द्वारा जब अल्ट्रासाउंड लिखने से मना किया गया तो आशा ने उन्हें देख लेने की धमकी दे डाली.

बता दें कि आशा कार्यकर्त्ताओं का दबदबा इतना है कि पूरे प्रकरण की घटना बताने से प्रत्यक्षदर्शी भी डर रहे हैं. लेकन सुत्राें की माने तो अल्ट्रासाउंड लिखने के लिए आशा चिकित्सक पर दबाव बनाने के दौरान काफी बहस और नोक-झोक भी की है. सूचना मिलने पर जब अस्पताल प्रबंधक, एकाउंटेंट नीचे पहुंचे तबतक चिकित्सक को धमकी देकर चली गई थी. आशा द्वारा इस शर्मनाक घटना के बाद महिला चिकित्सक रोती हुई डीएस के पास पहुंची और बोली कि हमेशा मेरे साथ इस तरह की घटना होती है. ऐसे में काम करना काफी मुश्किल हो गया है. जिस मरीज को अल्ट्रासाउंड कराने की आवश्यकता ही नहीं है उसे क्यों लिखें. इन लोगों द्वारा हमेशा अल्ट्रासाउंड के लिए दबाव बनाया जाता है. अगर सुरक्षा नहीं मिला तो डियुटी करना मुश्किल हो जाएगा.

वहीं सीएस डाॅ राम सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य व्यवस्था को बिगड़ने में कुछ आशा की बड़ी भूमिका है. प्रखंड में रहने के बजाय सदर अस्पताल को अपना अड्‌डा बनाई हुई है. यह घटना काफी शर्मनाक है. नीतु कुमारी के अलावे कुछ ऐसी आशा जो अस्पताल का घर बनाकर रहती है. इन लोगों को चिन्हीत कर चयन मुक्त करने के लिए डीएम को पत्र लिखा जाएगा. डीएस डाॅ उदय कुमार सिंह ने बताया कि आशा द्वारा किया गया हरकत निंदनीय है. डॉक्टर पर किसी बात को लेकर दबाव बनाना गलत है. इसके लिए नुरसराय पीएचसी प्रभारी से आशा नीतु कुमारी कितने समय और कितना दिन पीएचसी में उपस्थित होती है. इसका रिपोर्ट मांगा जाएगा. साथ ही चयन मुक्त के लिए प्रक्रिया अपनाई जाएगी. (प्रणय राज की रिपोर्ट).

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