मुंगेर : सदर अस्पताल में पांच घंटे तक पड़ा रहा कोरोना संक्रमित मरीज का शव, हारकर परिजनों ने खुद से शव का किया अंतिम संस्कार
मुंगेर में कोरोना की जंग के बीच मुंगेर सदर अस्पताल का एक ऐसी तस्वीर सामने आयी है, जिसने जिला प्रशासन और जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमण को लेकर किए जा रहे हैं सभी दावों का पोल खोल दिया.
बता दें कि शनिवार को सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में एक मरीज की मौत हो गई. सुबह 6:00 बजे मरीज की मौत होने के बाद एक और जहां लगभग पांच घंटे तक इमरजेंसी वार्ड में मृतक का शव रहने के बाद अस्पताल प्रशासन द्वारा उसका कोविड-19 का जांच करवाय गया. वहीं मृतक के पॉजिटिव पाए जाने के बाद ना तो स्वास्थ्य विभाग के किसी कर्मी ने दोपहर 1:00 बजे तक मृतक के शव का रैपिंग किया और ना ही परिजनों को मास्क और पीपीई किट उपलब्ध कराया. जिसके बाद लगभग 1:30 बजे अस्पताल प्रशासन द्वारा मृतक के परिजनों को केवल ब्लीचिंग पाउडर और एक प्लास्टिक देकर सबको रैपिंग करने के लिए कहा गया. जबकि इस दौरान चिकित्सक से लेकर सभी स्वास्थ्य कर्मी यह नजारा देखते रहे. लेकिन, किसी ने भी मृतक के परिजनों की मदद नहीं की. वही सुबह 6:00 बजे से लेकर दोपहर 2:00 बजे तक मृतक का शव इमरजेंसी वार्ड में यूं ही पड़ा रहा.
बताया जाता है कि मुंगेर शहर के बेलन बाजार निवासी 48 वर्षीय मुकेश ठाकुर को परिजनों द्वारा सांस की तकलीफ होने पर सुबह 6 बजे भर्ती कराया गया. जहां चिकित्सकों द्वारा मुकेश ठाकुर में कोरोना के संदिग्ध लक्षणों को देखते हुए उसका कोविड-19 जांच को कहा गया. लेकिन जांच होने से पहले ही मुकेश ठाकुर की मौत इमरजेंसी वार्ड में हो गई. इस बीच करीब पांच घंटे तक मृतक मुकेश कुमार का शव यूं ही सदर अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में पड़ा रहा. जिसके बाद सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा मृतक के शव का कोविड-19 रिपोर्ट दिया गया, जिसमें उसे पॉजिटिव पाया गया.
वहीं कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद भी अस्पताल प्रशासन द्वारा मृतक के शव को लगभग 2:00 बजे तक इमरजेंसी वार्ड में वैसे ही छोड़ दिया गया. जबकि इस दौरान ना तो परिजनों को मास्क, ग्लब्स और पीपीई किट उपलब्ध करवाया गया. वहीं लगभग 2:00 बजे मृतक के परिजनों से ही ब्लीचिंग पाउडर और एक प्लास्टिक देखकर अस्पताल प्रशासन द्वारा शव को रैप कराया गया. साथ ही शव को इमरजेंसी वार्ड से बाहर निकाल कर परिजनों द्वारा ही एंबुलेंस में रखा गया.
कोरोना संक्रमण के द्वारा सदर अस्पताल प्रशासन द्वारा इस प्रकार की उदासीनता और लापरवाही बरतने से आम लोगों सहित मृतक के परिजनों में काफी गुस्से का माहौल बन गया है. जिसके बाद परिजनों ने अस्तपातल की कुव्यवस्था की पोल खोल दी और और वीडियो बना कर वायरल कर दिया गया. वहीं परिजनों की माने तो मृतक के परिवार के चार युवको ने किसी तरह मृत्तक के शरीर पर ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव कर प्लास्टिक के पन्नी में पैक किया और उसके बाद श्मशान घाट ले गये. लेकिन श्मशान घाट में मृतक के परिजनों ने शव जलाने के लिए जब डोम से कहा तो उसने लेकिन डेढ़ लाख रूपये की मांग की. जिसके बाद परिजनों ने किसी तरह खुद से ही शव को जलाया. वहीं इस मामले में जब डीआईजी मनु महराज को सुचना और वीडियो उपलब्ध करवाया तो उन्होंने कहा मामले की जांच करवाते हैं कि आखिर ऐसी लापरवाही कैसे हुई. (अमृतेश सिन्हा की रिपोर्ट).
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