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मोतिहारी : विधानसभा के सदन में जीविका कैडरों की आवाज बनी विधायक शालिनी मिश्रा

मोतिहारी से बड़ी खबर है, जहां केसरिया की विधायक शालिनी मिश्रा ने विधान सभा मे एकबार फिर से अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है. उन्होंने शून्य काल मे जीविका कैडरों के मामले को उठाया.

बता दें कि बिहार विधानसभा में मंगलवार को विपक्ष ने जमकर हंगामा किया. इसी हंगामे और उठापटक के बीच केसरिया विधान सभा क्षेत्र की विधायक शालिनी मिश्रा ने सूबे के जीविका कैडरों का मामला सदन के पटल पर रखा. शून्यकाल के दौरान जीविका से जुड़े कैडरों की मुख्य मांगों की ओर सरकार का ध्यान आकृष्ट कराते हुए सदन में विधायक ने कहा कि जीविका के कैडर खासकर जीविका दीदीयां ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर कार्य कर रही हैं. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है. लेकिन सरकार द्वारा उन्हें जो सुविधाएं मिल रही हैं वो जरूरत से कम है. विधायक ने कहा कि जीविका कैडरों को सरकार अगर सभी आवश्यक सुविधाओं से लैस कर दे तो बिहार से महिला बेरोजगारी एवं पिछड़ेपन को दूर होने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा.

शून्यकाल के माध्यम से उन्होंने जीविका कैडरों को नियुक्ति पत्र, पहचान पत्र देने, मानदेय कंट्रीब्यूशन सिस्टम पर रोक लगाने, बैंक खाता के माध्यम से मानदेय का भुगतान सुनिश्चित कराने, मानदेय में बढ़ोत्तरी करने, नौकरी की उम्र सीमा 60 वर्ष निर्धारित करने, परियोजना में तीन साल पूरा करने वाले कैडरों को स्टाफ के रुप में प्रोन्नति देने, सभी कैडरों को सामाजिक सुरक्षा का लाभ, महिला कैडरों को विशेष अवकाश, मातृत्व अवकाश देने, डेढ़ लाख का मेडीक्लेम और पांच लाख का हेल्थक्लेम देने सहित उनकी अन्य मांगों को पूरा करने की मांग सरकार से की. विधानसभा अध्यक्ष की ओर मुखातिब होते हुए विधायक शालिनी मिश्रा ने कहा कि अध्यक्ष महोदय, जीविका कैडरों की मांगे जायज है, इसलिए इस संदर्भ में विभाग को आपके तरफ से आवश्यक निर्देश दिया जाना चाहिए.

वहीं केसरिया विधान सभा क्षेत्र की विधायक शालिनी मिश्रा द्वारा जीविका कैडरों का मुद्दा सदन में उठाए जाने पर बिहार प्रदेश जीविका कैडर संघ ने प्रसन्नता व्यक्त किया है. संघ के प्रदेश सचिव सुनील जायसवाल ने सदन में मांगों को मजबूती से उठाए जाने के लिए विधायक शालिनी मिश्रा को बधाई दी है. (मधुरेश प्रियदर्शी की रिपोर्ट).

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