कैमूर : जातीय आधारित गणना में खरवार जाति का मामला गरमाया, जांच को पहुंचे बिहार एसटी आयोग के अध्यक्ष
कैमूर में चल रहे जातीय आधारित गणना में गणना कर्मियों द्वारा खरवार जाति से खतियान और जाति प्रमाण पत्र मांगे जाने का मामला पटना अनुसूची जनजाति आयोग पहुंचा तो अनुसूचि जनजाति के बिहार अध्यक्ष शम्भू कुमार सुमन सोमवार को कैमूर पहुंचे, जहां जिलाधिकारी सावन कुमार सहित विभागीय अधिकारियों से समीक्षा बैठक कर कई निर्देश दिया.
बता दे कि आयोग को आवेदन मिला था कि जातीय आधारित गणना में कर्मियों द्वारा खरवार जाती के लोगो से खतियान और जाति प्रमाण पत्र मंगा जा रहा है. जबकि विभागीय गाइड लाइन में कहीं भी नहीं है कि जातीय आधारीय गणना में जाति या खतियान सहित कोई कागजात की जरूरत है. सूचना मिलते से आयोग के अध्यक्ष ने पटना सामान्य शाखा के अधिकारियों को जानकारी दिया. जिसमें उन्हें साफ कहा गया कि जातीय आधारित गणना में कोई भी कागजात की जरूरत नहीं है.
वहीं अनुसूचित जनजाति आयोग बिहार के अध्यक्ष शम्भू कुमार सुमन ने बताया कि आयोग शिकायत मिली कि कैमूर जिले में जातीय आधारित गणना करने वाले कर्मियों द्वारा खरवार जाति के लोगो से खतियान और जाति प्रमाण पत्र मंगा जा रहा है. जिसपर तत्काल पटना सामान्य शाखा के वरीय अधिकारियों से कहा गया. उनका साफ कहना था कि जातीय आधारित गणना में कोई भी कागजात नहीं लगता है. इसके अलावे भूमि विवाद का भी एक मामला आया जिसको लेकर विभागीय अधिकारियों से कहा गया कि जल्द निपटरा करे. उन्होंने बताया कि कैमूर, रोहतास, गोपालगंज, सीवान, बक्सर और आरा में खरवार जाति जो अनुसूची जनजाति में आते हैं, उनका जाति प्रमाण पत्र बनाने में अधिकारी परेशान कर रहे हैं. पुराना जाति प्रमाण पत्र को भी नहीं मानते वैसे अधिकारियों को सख्त आदेश जारी किया जाता है कि विभागीय आदेश के बिना लोगो को परेशान करना बंद करे नहीं तो सभी पर आयोग द्वारा कार्रवाई की जाएगी. (प्रमोद कुमार की रिपोर्ट).
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