कैमूर : मकान के अभाव में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है एक परिवार, रिश्वत नहीं देने के कारण नहीं मिला पीएम आवास योजना का लाभ
कैमूर जिले के एक ऐसा मजदूर परिवार है जो मंकणक अभाव में खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है. रिश्वत नहीं देने के कारण परिवार को पीएम आवास योजना का भी लाभ नहीं मिला. मामला नुआंव प्रखण्ड के कुढ़नी गांव का है.
बता दें कि कुढ़नी गांव निवासी सुग्रीव सिंह को अपने परिवार का सिर छिपाने के लिए एक घर तक नहीं है. पुरखों का बनाया मिट्टी का मकान जर्जर होकर ढह गया तो उन्होंने परिवार के रहने के लिए झोपड़ी डाली थी लेकिन क़िस्मत ने साथ नहीं दिया और झोपड़ी में आग लग गई. खून पसीना से जुटाए राशन पताई भी जलकर राख हो गया. नतीज़तन अब पूरा परिवार प्लास्टिक लगा कर रहने को मजबूर है.
परिवार के मुखिया सुग्रीव सिंह बताते है कि मजदूरी मिलती है तो उसी से परिवार का गुजारा होता है. जिस दिन मजदूरी नहीं मिलती उस दिन खाने के लिए भी समस्या हो जाती है. परिवार का पालन पोषण ही ठीक से नहीं कर पाते हैं तो मकान कैसे बनाए. वहीं उनकी पत्नी सरस्वती देवी बताती है कि पांच बच्चों को लेकर प्लास्टिक के झोपड़ी में रहते हैं. आवास मिल जाता तो बहुत अच्छा होता. तीन बच्ची और दो बच्चे को पेट काट कर पढ़ाई कराते है पर मकान के लिए पीएम आवास का इंतेजार है. अधिकारी पंचायत चुनाव के बाद आवास देने की बात कर रहे है.
वहीं गांव के वार्ड सदस्य सत्यनारायण राम कहते है कि गांव में जो लोग पैसे दिए उनका पीएम आवास बन गया पर यह परिवार गरीब है, पैसे नहीं दिए जिससे आवास नहीं बन पाया. ग्रामीण बताते है कि चार दिन पहले गैस पर खाना बनाने के दौरान आग लग गई जिससे इनका फुस की झोपड़ी जल गई. अंचल से लोग आए थे पर अभी तक मुआवजा नहीं मिला. (विशाल कुमार की रिपोर्ट).
Comments are closed.