गोपालगंज में प्रशासन से नाराज ग्रामीणों ने लगायी महापंचायत
अतुल सागर
गोपालगंज के कुचायकोट दियारा क्षेत्र के कालामटिहनिया गाँव में रविवार को ग्रामीणों की तरफ से महापंचायत का आयोजन किया गया. दिनभर चले इस महापंचायत के माध्यम से जिला प्रशासन द्वारा निर्दोष ग्रामीणों के ऊपर किये गए झूठे मुकदमे की निंदा की गयी. साथ ही सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच की मांग की गयी.
बता दें कि कुचायकोट के कालामटिहनिया में सारण बांध में कटाव से नाराज ग्रामीणों और जलसंसाधन विभाग के आला पदाधिकारियो में जमकर बवाल हुआ था. जिसके बाद जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों को ग्रामीणों ने स्कूल में बंद कर दिया वहीं मौके पर पहुचे विशम्भरपुर थानाध्यक्ष की ग्रामीणों ने पिटाई भी कर दी थी. ग्रामीण इस इलाके में बनाये जा रहे सारण बाँध में धांधली की शिकायत को लेकर नाराज थे. इसी घटना के बाद जलसंसाधन विभाग और विशम्भरपुर थानाध्यक्ष के द्वारा सैकड़ो ग्रामीणों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गयी. रविवार को महापंचायत में शामिल होने आये सैकड़ो ग्रामीणों ने एक सुर से जिला प्रशासन के खिलाफ अपनी नाराजगी व्यक्त की साथ ही निर्दोष ग्रामीणों के खिलाफ किये गए मुकदमे वापस लेने की मांग की गयी.
गंडक दियारा संघर्ष समिति के संरक्षक अरुण सिंह के मुताबिक यहाँ बाँध निर्माण में जमकर धांधली की गयी. इसी धांधली की शिकायत करने के बाद जलसंसाधन विभाग के अधिकारियों के द्वारा ग्रामीणों के खिलाफ झूठे मुकदमे किये गए है. जिला पार्षद व किसान नेता अरुण सिंह ने सरकार से इस मामले की उच्चस्तरीय जाँच की मांग करते हुए धांधली करने वाले अधिकारियों से पैसे की वसूली कर बाढ़ और कटाव पीडितो के बीच राशि बांटने की मांग की. वही गंडक दियारा संघर्ष समिति के संयोजक अनिल कुमार मांझी के मुताबिक उन्होंने झूठे मुकदमे की शिकायत उपमुख्यमंत्री सुशिल मोदी और जिला प्रभारी सह स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय से भी है. अनिल कुमार मांझी ने कहा की अगर उनकी मांगे नहीं मानी जाएगी तो इस महापंचायत के माध्यम से आगे के आन्दोलन की रणनीति तय की जाएगी.
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