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गोपालगंज में बाढ़ और सुखाड़ के बाद अब टिड्डे कर रहें धान की फसल बर्बाद, किसान परेशान

अतुल सागर

गोपालगंज में बाढ़ और सुखाड़ की मार झेल रहे किसानो की मुसीबत कम होने का नाम नही ले रही है. बाढ़ और सुखाड़ के बाद अब खेतो में लगी धान की फसलो पर टिड्डे का प्रकोप बढ़ गया है. जिसकी वजह से बची-खुची फसल भी चौपट होने के कगार पर आ गयी है. टिड्डो के इस प्रकोप से जिले के किसान काफी परेशान हैं.

सदर प्रखंड के संभ्रांत किसान सदानंद सिंह इन दिनों खासे परेशान है. वजह है कि इस बार उन्होंने गन्ने की खेती के अलावा करीब 8 से 10 बीघे खेत में धान की फसल लगायी. लेकिन अच्छी फसल के बाद भी मौसम ने साथ नहीं दिया. भितभैरवा गाँव के किसान सदानंद सिंह कोई अकेले किसान नहीं है. जिन्हें मौसम ने दगा दिया. इस बार गोपालगंज जिले के छ: प्रखंडो में बाढ़ की भीषण तबाही हुई. जिसमे सदर प्रखंड का भी इलाका पूरी तरह से बाढ़ की चपेट में आया और यहाँ हजारो एकड़ में लगी धान की फसल पानी में डूब गयी. बाढ़ के बाद पिछले एक माह से जिले में बारिश नहीं हुई है. भीतभैरवा गाँव के किसान सदानंद सिंह, तीरबिरवा के जगदीश मांझी सहित दर्जनों किसानो के मुताबिक सूखे की वजह से धान की फसल पूरी तरह सूखने लगी है. कर्जा लेकर धान के खेतो की पटवन की जा रही है. बावजूद इसके फसल बर्बाद होने के कगार पर है. कारण कि धान की बाली निकलने का समय आया है और टिड्डे धान का दूध चाट जा रहे है. जिसकी वजह से धान में बाली होते ही फसल काला होकर टूटकर गिर जा रही है.

जिला कृषि विभाग के द्वारा जारी आंकड़ो के मुताबिक इस बार जिले में 88 हजार हेक्टेयर में धान की फसल का आच्छादन का लक्ष्य रखा गया था. जिसको लेकर 85356 हेक्टेयर में धान का आच्छादन किया गया. जिसमे करीब 18 हजार हेक्टेयर में लगी फसल बाढ़ में डूब गयी. वहीं कृषि वैज्ञानिको के मुताबिक सूखे और टिड्डे की वजह से धान की फसल में रोग लग रहा है. जिसकी वजह से धान की फसल बर्बाद हो रहे है. वही जिला कृषि पदाधिकारी सुरेश प्रसाद के मुताबिक सूखे और टिड्डे की वजह से धान की फसलो को कितना नुक्सान हुआ है. इसकी रिपोर्ट सभी प्रखंड कृषि पदाधिकारियो को तैयार करने का निर्देश दे दिया गया है.

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