गोपालगंज में सैकड़ों गांव बाढ़ से प्रभावित, प्रशासन के राहत व बचाव कार्य में हो रही देरी
अतुल सागर
गोपालगंज में गंडक के बढ़े जलस्तर ने अब अपना कहर मचाना शुरू कर दिया है. यहाँ सदर प्रखंड, कुचायकोट और बैकुंठपुर के करीब एक दर्जन से ज्यादा पंचायते और 100 से ज्यादा गांव गंडक की बाढ़ से चारो तरफ से घिर गए है. गंडक के लगातार जलस्तर बढ़ने की वजह बाढ़ प्रभावित सभी गांवों का संपर्क प्रखंड मुख्यालय और जिला मुख्यालय से टूट गया है.
जिला प्रशासन के द्वारा गंडक के निचले इलाके में बसे लोगो को जल्द से जल्द ऊँचे स्थानों पर जाने की अपील की जा रही है. लोग नावों से तटबंधो की तरफ पलायन कर रहे है. लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाको में नावों की कमी होने की वजह से अभी भी लोग तटबंधो के अन्दर गंडक के निचले इलाके में फंसे हुए है. सदर प्रखंड का जगरीटोला पंचायत का सभी 5 वार्ड, कटघरवा पंचायत, कुचायकोट का कालामटिहनिया, बिशम्भरपुर, खर्गौली, फुलवरिया, भगत टोला गांव बाढ़ प्रभावित है. जबकि बैकुंठपुर प्रखंड का सबसे ज्यादा पंचायते बाढ़ के पानी से घिर गए है. इन गांवो का जिला मुख्यालय से संपर्क टूट गया है. बाढ़ प्रभावित पंचायतो में परसौनी, बांसघाट मंसुरिया, उसरी, गम्हारी, बंधौली, चिंटहां, फैजुलाहपुर व बखरी कुल नौ पंचायते शामिल हैं.
इन बाढ़ प्रभावित इलाको में लोग बांस के चचरे, चौकी, खटिया सहित ऊँचे स्थानों पर शरण लिए हुए है. बाढ़ प्रभावित इलाको में फंसे लोगो के मुताबिक उनके खाने के अनाज पानी में डूब गए है. पशुओ का चारा, पिने का पानी और रहने के घर सभी जगह पानी में डूबे हुए है. बाढ़ पीडितो के मुताबिक उन्हें जिलाप्रशासन के द्वारा अबतक कोई राहत सामग्री उपलब्ध नहीं करायी गयी है. हालाकि गोपालगंज जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाको में मेडिकल कैंप लगाया गया है. लोगो के लिए राहत शिविर लगाने के लिए स्थल का चयन किया जा रहा है. इसके अलावा डीएम के प्रभार में डीडीसी ने सदर एसडीएम के साथ सभी प्रखंडो के बाढ़ प्रभावित इलाको का निरीक्षण कर जल्द ही राहत शिविर शुरू करने की बात कही है.
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