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गोपालगंज : साइबर अपराध से जुड़े मानव तस्करी मामले में एनआईए की रेड, एक गिरफ्तार

गोपालगंज || जिले से बड़ी खबर है, जहां एनआईए ने रेड मारते हुए एक व्यक्ति को पकड़ा है. दरअसल गलत वीजा पर भारतीय नागरिकों को कंबोडिया से पाकिस्तान के हाथों बेचने वाले एजेंट प्रह्लाद सिंह को एनआईए (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने गोपालगंज से गिरफ्तार किया है. प्रह्लाद सिंह की गिरफ्तारी के बाद उससे की पूछताछ में कई लोगों का नाम सामने आया. उसके बाद एनआईए ने देशभर के अलग-अलग स्थानों पर छापेमारी कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार प्रह्लाद सिंह थावे दुर्गा मंदिर के पास एमके होटल खोला है और नगर थाना क्षेत्र के भीएम फील्ड के पीछे आलीशान मकान बनाया है.

एनआईए की ओर से जारी किए गए प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार साइबर अपराध से जुड़े मानव तस्करी के एक मामले में स्थानीय पुलिस के साथ अभियान चलाया गया, जिसके परिणामस्वरूप पांच आरोपी व्यक्तियों की गिरफ्तारी हुई. महाराष्ट्र, यूपी, बिहार के गोपालगंज, गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ में 15 स्थानों पर कार्रवाई के बाद वडोदरा के मनीष हिंगू, गोपालगंज के प्रह्लाद सिंह, दक्षिण पश्चिम दिल्ली के नबियालम रे, गुरुग्राम के बलवंत कटारिया और चंडीगढ़ के सरताज सिंह को गिरफ्तार किया गया.

छापेमारी में कई आपत्तिजनक सामान भी जब्त, झूठे वादे कर युवाओं को बनाते हैं निशाना

एनआईए ने सभी स्थानों पर राज्य पुलिस बलों और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ एक समन्वित अभियान चलाया. तलाशी में दस्तावेज़, डिजिटल उपकरण, हस्तलिखित रजिस्टर, कई पासपोर्ट, फर्जी विदेशी रोजगार पत्र आदि सहित कई आपत्तिजनक सामग्री जब्त की गई. विभिन्न राज्य/केंद्रशासित प्रदेश पुलिस बलों द्वारा आठ नई एफआईआर दर्ज की गई हैं और पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. एनआईए जांच से पता चला है कि आरोपी एक संगठित तस्करी सिंडिकेट में शामिल थे, जो कानूनी रोजगार के झूठे वादे पर भारतीय युवाओं को लुभाने और विदेशों में तस्करी करने में लगे हुए थे.

जानें कैसे हुआ मामले का खुलासा

एनआईए की जांच के अनुसार, मुख्य रूप से विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित और संचालित रैकेट के हिस्से के रूप में युवाओं को लाओस, गोल्डन ट्रायंगल एसईजेड और कंबोडिया सहित अन्य स्थानों पर फर्जी कॉल सेंटरों में काम करने के लिए मजबूर किया जा रहा था. उन्हें ऑनलाइन अवैध गतिविधियां करने के लिए मजबूर किया गया, जैसे क्रेडिट कार्ड धोखाधड़ी, नकली एप्लिकेशन का उपयोग करके क्रिप्टो मुद्रा में निवेश, हनी ट्रैपिंग आदि. जांच से यह भी पता चला है कि गिरफ्तार आरोपी थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम से लाओस एसईजेड तक भारतीय युवाओं को अवैध रूप से सीमा पार करने की सुविधा प्रदान करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से सक्रिय तस्करों के साथ समन्वय कर रहे थे.

इन जिलों में सक्रिय था सिंडिकेट

वे सुसंगठित सिंडिकेट से जुड़े विदेशी-आधारित एजेंटों के इशारे पर काम कर रहे थे जो महाराष्ट्र, यूपी, बिहार, गुजरात, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि के कई जिलों में सक्रिय थे. ये सिंडिकेट आगे चलकर देश के अन्य हिस्सों में स्थित गुर्गों से जुड़े हुए थे. भारत, साथ ही संयुक्त अरब अमीरात, कंबोडिया, वियतनाम, लाओस एसईजेड आदि जैसे विदेशी देश. एनआईए ने 13 मई 2024 को मुंबई पुलिस से मामला अपने हाथ में ले लिया था. इसमें पाया गया कि मानव तस्करी सिंडिकेट केवल मुंबई में ही संचालित नहीं हो रहा था, बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों और सीमा पार अन्य मददगारों और तस्करों के साथ इसके संबंध थे. आगे की जांच जारी है.

गोपालगंज के नगर थाना में दर्ज हुआ है केस

गोपालगंज के नगर थाना में करमैनी मुहब्बत के निवासी संजीत यादव ने केस दर्ज कराया है. संजीत ने प्रह्लाद सिंह पर गलत वीजा के आधार पर कंबोडिया भेजकर दो हजार डॉलर में पाकिस्तान के एजेंट के हाथों बेचने का आरोप लगाया है. मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर केस को एनआईए को सौंप दिया है. जिसकी पुष्टि गोपालगंज एसपी स्वर्ण प्रभात ने की. (हितेश कुमार वर्मा की रिपोर्ट).

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