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छपरा : पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई दीनानाथ सिंह पंचतत्व में विलीन, शव यात्रा में राजनेताओं व गणमान्य लोगों की उमड़ी भीड़

छपरा/सारण || महाराजगंज के पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के छोटे भाई और बनियापुर विधायक केदारनाथ सिंह के बड़े भाई, छपरा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह के चाचा तथा युवराज सुधीर सिंह के पिता दीनानाथ सिंह का अंतिम संस्कार शनिवार को उनके पैतृक गांव मशरक में गमगीन माहौल में किया गया. उनके निधन की खबर मिलते ही शनिवार की सुबह उनके मशरक बड़हिया टोला स्थित आवास से हजारों लोगों की उपस्थिति में शव यात्रा निकाली गई. अंतिम यात्रा में परिवार के सभी सदस्यों के साथ-साथ क्षेत्र के हजारों लोगों ने शामिल होकर श्रद्धासुमन अर्पित किए और अंतिम विदाई दी.

बता दें कि दीनानाथ सिंह बीते छः माह से बीमार चल रहे थे और हजारीबाग जेल में सजा के दौरान उनकी तबीयत बिगड़ने पर दिल्ली एम्स में उनका इलाज चल रहा था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली. निधन की सूचना मिलते ही शव उनके गांव लाया गया. अंतिम संस्कार के लिए पैरोल पर जेल से छूट कर आए उनके बड़े भाई और पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए. शव यात्रा में सारण, छपरा, सीवान, गोपालगंज, पटना सहित झारखंड के कई राजनेता, जनप्रतिनिधि, मुखिया, प्रखंड प्रमुख, पूर्व जिला पार्षद, शिक्षक, व्यवसायी और समाजसेवी शामिल हुए और दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि अर्पित की.

साधारण परिवार में जन्मे दिवंगत दीनानाथ सिंह के पिता बासुदेव सिंह टायर गाड़ी चलाकर और खेती-बाड़ी से जीवन यापन करते थे. चार भाई और एक बहन में दूसरे स्थान पर रहे दीनानाथ सिंह ने वर्ष 1977 में उच्च विद्यालय मशरक से मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की थी. वर्ष 1980 से उन्होंने अपने बड़े भाई के साथ सामाजिक और राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 1985 के बाद सारण की राजनीति में किंगमेकर की भूमिका निभाते रहे. मौके पर मौजूद लोगों ने उन्हें याद करते हुए कहा कि उन्होंने सैकड़ों युवाओं को प्रेरित कर स्वावलंबी बनाया. जीवनभर अपने बड़े भाई प्रभुनाथ सिंह के साथ एक मजबूत स्तंभ की तरह खड़े रहे और परिवार को सामाजिक और राजनीतिक शिखर तक पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई. हत्या के आरोपों के बावजूद वे अंत तक अपने आदर्शों और परिवार के प्रति समर्पित रहें. (ब्यूरो रिपोर्ट).

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