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अंजलि वर्मा
बिहार मे शराबबंदी कानून लागु होने के बाद भी बेतिया में शराब की बिक्री बेरोकटोक जारी है. अब तो कोर्ट ने भी इसकी पुष्टी कर दी है कि शराब की बिक्री धड़ल्ले से जारी है और इसके लिए पुलिस पदाधिकारी हीं जवाबदेह हैं. या यूं कहें कि पुलिस पदाधिकारियों की देख रेख मे हीं शराब की बिक्री व तस्करी करवाई जा रही है.
नरकटियागंज अनुमंडल न्यायालय के सब जज ने जिले के एसपी व जिला सत्र न्यायाधिश को एक पत्र लिखा है. जिसमे उन्होने न्यायालय परिसर के आस-पास शराब की बिक्री होने की बात कही है. साथ हीं उन्होने यह भी लिखा है कि उन्होने थानेदार को बुलाकर शराब की बिक्री पर रोक लगाने को कहा तो थानेदार ने यह कहते हुए शराब की बिक्री पर रोक लगाने से इन्कार कर दिया कि शराब तो पुरे बिहार मे बिक रही है. जज गिरीश मिश्रा ने अपने पत्र मे थानाध्यक्ष को अक्षम बताते हुए लिखा है कि शिकारपुर थाना का थानाध्यक्ष का जवाब और उनका व्यवहार कहीं से भी पद व मर्यादा के अनुकूल नहीं है. ऐसे मे एसपी अपने स्तर से शराब बिक्री पर रोक लगाए ताकि न्यायालय कर्मी व जजो की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके.
गौरतलब है कि बिहार मे शराबबंदी की सच्चाई कई बार मिडिया मे आ चुकी है. लेकिन इस पर सख्ती से कार्रवाई करने के बजाये इस कानून का सिर्फ ढोल हीं पिटा जा रहा है. हकिकत यह है कि शराबबंदी कानून के बाद भी कहीं भी शराब आसानी से उपलब्ध हो जा रही है जिसके कारण आम लोग भी परेशान हैं. ऐसे में बेतिया में जब एक जज ने इस कानून पर सवाल खड़े किये तब जाकर प्रशासनिक महकमे मे खलबली मची है. अब देखने वाली बात होगी कि आरोपित थानाध्यक्ष पर पुलिस-प्रशासन क्या कार्रवाई करती है.
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