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बेगूसराय : सिमरिया घाट हादसे में पुलिस पर गिरी गाज, 3 ऑफिसर्स, 3 सिपाही व 11 होमगार्ड निलंबित

पिंकल कुमार

बेगूसराय के सिमरिया कल्पवास मेला परिसर में कार्तिक पूर्णिमा स्नान के अवसर पर शनिवार को अत्यधिक भीड़ के कारण हुयी तीन लोगों की हुयी मौत मामले में मृतको की पहचान कर ली गयी है. वहीं रविवार को मामले में छ: पुलिस पदाधिकारियों और सिपाहियों को निलंबित करने के साथ होम गार्ड के 11 जवानों को छ: माह के लिए कार्य से वंचित कर दिया गया.

बता दें कि शनिवार की सुबह 6:30 बजे से 7:00 बजे तक गंगा नदी के किनारे सीधी घाट जाने वाली मुख्य सड़क पर बाजार स्थित हनुमान निवास के आगे श्रद्धालुओं की संख्या अचानक बढ़ जाने के कारण दम घुटने से 3 वृद्ध महिला श्रद्धालुओं कंचन देवी उम्र 70 वर्ष पति कृष्णा प्रसाद ग्राम सुंदर विहार थाना नूरसराय जिला नालंदा,  त्रिवेणी देवी उम्र 75 वर्ष पति ग्राम पोस्ट माधोपुर जिला सीतामढ़ी और सतनी देवी उम्र 75 वर्ष पति मंटू मंडल ग्राम पोस्ट टेकराही जिला दरभंगा की दुखद मृत्यु हो गई. इस घटना के संबंध में प्रथम दृष्टया जांच व समीक्षा के दौरान पाया गया कि उप भीड़ को नियंत्रण तथा विधि व्यवस्था संधारण हेतु पुलिस पदाधिकारी खोदावंदपुर थाना प्रभारी की रूप में रूबी कांत कश्यप, वीरेंद्र कुमार पाठक अस्थाई थानाध्यक्ष सिमरिया व गणेश कुमार सिंह नवगछिया जिला बल को पुलिस दल के साथ प्रतिनियुक्ति किया गया था. परंतु इन इन तीनों पदाधिकारियों द्वारा अपने निहित कर्तव्य का पालन नहीं किया गया और उपलब्ध कराए गए बल की प्रतिनियुक्ति करने एवं उनके कार्य लेने में लापरवाही बरती गई. जिसके कारण उक्त तीनों पदाधिकारी को निलंबित किया गया.

वहीं उक्त पदाधिकारियों के अलावे घटनास्थल पर भीड़ नियंत्रित विधि व्यवस्था संधारण हेतु बिहार सैन्य पुलिस 10 पटना की 3 महिला सिपाही रूबी, पूजा व कुमारी मोनिका तीनों बिहार सैन्य पुलिस पटना को भी निलंबित किया गया. उक्त महिला सिपाहियों के अलावे घटनास्थल पर भीड़ नियंत्रित विधि व्यवस्था संधारण हेतु गृह रक्षक सच्चिदानंद सिंह, सुरेश सिंह, चंद्र भूषण सिंह, रामाधार सिंह, बृजेश कुमार सिंह, इंद्रदेव सिंह, रामानुज सिंह, दयाकांत महतो, सुनील पांडेय व सुरेश यादव कुल 11 गृहरक्षक के जवान ड्यूटी पर तैनात थे और इन सभी के द्वारा कर्तव्य पालन में घोर लापरवाही बरती गई और इस संभावित घटना की रोकथाम की दिशा में यह एहतिआतन कोई कार्रवाई नहीं की गई. उक्त सभी सभी गृहरक्षकों को छह-छह महीना के लिए कर्तव्य से वंचित किया गया. साथ ही इन सभी से जिला पदाधिकारी के द्वारा 24 घंटे के अंदर स्पष्टीकरण समर्पित करने की मांग की गयी है.

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