Abhi Bharat

बेगूसराय : सीरियल गोलीकांड मामले में गिरफ्तार नागा के परिजनों ने बताया बेकसूर, सबूत के तौर पर दिया सीसीटीवी फुटेज

बेगूसराय में जहां सीरियल गोलीकांड मामले में पुलिस सरगना सहित सभी संदिग्धों के गिरफ्तारी का दावा कर रही है. वहीं, आरोपी के रूप में गिरफ्तार किए गए बीहट निवासी केशव उर्फ नागा के परिजनों ने पुलिस पर अपने पुत्र को फंसाने का आरोप लगाया है.

देवघर बुआ के यहां जा रहे केशव उर्फ नागा के गिरफ्तारी की खबर सुनते ही शुक्रवार को परिजनों ने बेगूसराय पहुंचकर राज्यसभा सदस्य प्रो राकेश सिन्हा सहित अन्य लोगों के समक्ष मामले की निष्पक्ष जांच कराने की गुहार लगाई है. साक्ष्य के रूप में उन्होंने दो सीसीटीवी फुटेज भी प्रस्तुत किया. केशव उर्फ नागा के पिता राम विनय सिंह एवं मां किरण देवी सहित अन्य परिजनों का कहना है कि मेरा पुत्र अगर दोषी है तो फांसी दे दीजिए, निर्दोष है तो मुक्त कीजिए. विगत मंगलवार को जिस समय गोलीबारी की घटना हो रही थी, उस समय मेरा पुत्र घर एवं एक लाइन होटल पर बैठा हुआ था, जिसका सीसीटीवी फुटेज भी है. पुलिस प्रशासन द्वारा जो फुटेज जारी किया गया है, उसमें उजला एवं नारंगी कलर का कपड़ा दिख रहा है, जबकि मेरा केशव काला रंग का कपड़ा पहनकर सीसीटीवी फुटेज में स्पष्ट दिख रहा है. पुलिस जानबूझकर परेशान कर रही है. कल सुबह बगैर किसी महिला पुलिस के थाना की पुलिस मेरे घर में घुस गई और एक पुत्र किशन कुमार को पकड़ लेने के साथ सीसीटीवी का हार्ड डिस्क भी साथ ले गई. मेरा दूसरा पुत्र केशव उर्फ नागा अपने बुआ के यहां जा रहा था, इस दौरान उसे ट्रेन से गिरफ्तार करने की बात कही जा रही है.

इन लोगों ने आरोप लगाया है कि केशव संगति में बिगड़ा हो सकता है. पिछले कई वर्षों से मेरे नाबालिग पुत्र केशव को स्थानीय थाना की पुलिस जानबूझकर परेशान कर रही है. वहीं रात में घर का दीवार फांदकर बगैर महिला पुलिस के भी मेरे घर में घुस जाती है. अगर मेरा पुत्र दोषी है तो उसकी गहन जांच-पड़ताल कर फांसी की सजा दिया जाए, अगर निर्दोष हैं तो मुक्त किया जाए, पुलिस बार-बार परेशान नहीं करे. प्रो राकेश सिन्हा ने परिजनों को उचित मदद का भरोसा दिलाया है. उन्होंने कहा है कि परिजन ने अपनी बात रखी है, हम जांच में दखल देना नहीं चाहते हैं. लेकिन सरकार अपनी नाकामी छुपाने के लिए जातीय संघर्ष और निर्दोष का उत्पीड़न नहीं करे. निष्पक्षता से जांच होनी चाहिए, अपराधी और उसके पीछे की ताकत को पकड़ना चाहिए, बिहार सरकार की नाकामी, उदासीनता और संवेदनशीलता साफ-साफ दिख रही है. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

You might also like

Comments are closed.