बेगूसराय : राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा ने कांग्रेस पर किया जमकर हमला
बेगूसराय में रविवार को राज्यसभा सांसद प्रोफेसर राकेश सिन्हा ने सर्किट हाउस में प्रेसवार्त्ता कर कांग्रेस पर जमकर हमला किया.
अपने संबोधन में सांसद राकेश सिन्हा ने कहा कि कांग्रेस ने विपक्ष को साथ लेकर भारतीय संसद और संसदीय जनतंत्र की गरिमा को तार-तार कर दिया है. उन्होंने कहा कि भारत का संसदीय जनतंत्र एशिया में मिसाल था, लेकिन कांग्रेस द्वारा संसद भवन में सांसद के साथ धक्कामुक्की और अध्यक्ष के हाथ से कागज छीनकर फाड़ देने की घटना से यहां का संसदीय जनतंत्र तार-तार हो गया है. सांसद ने कहा कि संसदीय जनतंत्र में सत्ता और विपक्ष दोनों को मिलकर चलना होता है, लेकिन विपक्ष की भूमिका मर्यादाहीन और संसदीय जनतंत्र के प्रतिकूल है. भारत के संसदीय जनतंत्र में गिरावट के लिए कांग्रेस और राहुल गांधी जिम्मेदार हैं. कांग्रेस संसदीय जनतंत्र को सड़क के जनतंत्र के रूप में तब्दील करने की कोशिश कर रही है. दिल्ली में हुए हिंसा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि लोगों के बीच सीएए के नाम पर विपक्ष भ्रम फैला रहा है. राजनीतिज्ञों को जुबान पर लगाम लगानी चाहिए. वह कुछ ऐसा नहीं बोलें की हिंसा बढ़ जाये. दिल्ली में जामिया के गेट के बाहर कटुपूर्ण भाषण दिया जा रहा है. शाहीनबाग का प्रोटेस्ट नरेन्द्र मोदी के प्रति नफरत और देश को बदनाम करने की साजिश है. अब तो लोग दंगा के आरोपी ताहिर हुसैन के पक्ष में भी खड़े हो रहे हैं, जबकि उनके सामने साक्ष्य है कि हिंसा के लिए ताहिर हुसैन कथित रूप से जिम्मेवार है तथा उसे बड़ी कठिनाई से गिरफ्तार किया गया है. दिल्ली की हिंसा तालिबानी हिंसा से भी वीभत्स है. विदेशी मेहमान के सामने दिल्ली में हिंसा कर देश का अवमूल्यन किया गया. इसमें देश और देश के बाहर की ताकते भी शामिल थी.
उद्धव ठाकरे द्वारा भाजपा को छोड़ने सुर हिंदुत्व को नहीं अपनाने के सवाल पर कहा कि उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को सोनिया सेना बना दिया है. उन्होंने कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण का बाला साहब ठाकरे आजीवन विरोध करते रहे. लेकिन उद्धव की सरकार महाराष्ट्र में उसे मंजूर करने की बात कर रही है. यह दर्शाता है कि उद्धव ठाकरे ने घोर अवसरवादिता का परिचय दिया है और अपने मूल सिद्धांत से हटकर सत्ता के लिए किसी भी सिद्धांत से समझौता कर रहे हैं. शिवसेना इसी रास्ते पर चलती रही तो अपना आधार खो देगी. बिहार विधानसभा में एनआरसी लागू नहीं करने के प्रस्ताव के संबंध में उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री ने कह दिया कि एनआरसी अभी विचाराधीन ही नहीं है तो उसका विरोध कैसा. एनपीआर का निर्णय सरकार का उचित निर्णय है. एनपीआर में जारी किया गया नया सवाल देश हित में है. आखिर लोग मां-बाप का जन्म स्थान और अपना जन्म साल बताने का विरोध क्यों कर रहे हैं. आजादी से पूर्व हुई आठ जनगणना एवं आजादी के बाद हुई सभी सात जनगणना में हर बार कुछ ना कुछ नए सवाल आए हैं और इसी के आधार पर सब्सिडी समेत अन्य चीजें होती है. हमारी अवधारणा राष्ट्रीयता की है और देश की 130 करोड़ जनता की राष्ट्रीयता हिंदू राष्ट्रीयता है. जो इसका विरोध कर रहे हैं वह जान लें कि बांग्लादेश से प्रत्येक साल दो लाख 23 हजार छह सौ हिंदू गायब हो रहे हैं. 1971 से प्रत्येक साल गायब होने वाले हिंदुओं की संख्या बढ़ रही है. अफगानिस्तान में हिंदुओं की संख्या दो लाख 20 हजार से घटकर 14 सौ पर आ गई है. भारत में किसी को नवाज, ईद, मुहर्रम मनाने या मस्जिद बनाने से नहीं रोका गया है. रोहिंग्या आस्था से मुस्लिम हैं लेकिन वह लड़ाई अलग राष्ट्र के लिए लड़ते हैं. प्रो राकेश सिन्हा ने कहा कि देश में हर स्तर पर समग्र विकास हो रहा है. गंगा पार में बसी बेगूसराय की चार लाख आबादी दशकों से पिड़ित है. उन्होंने इस समस्या को कई बार केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के सामने उठाया तो गंगा नदी पर शाम्हो मटिहानी के बीच पुल बनाने की स्वीकृति मिल चुकी है. राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पुल बनाकर एनएच में परिवर्तित करने की अनुशंसा कर दिया. इसके लिए वह छह बार केंद्रीय मंत्री से मिल चुके हैं. पुल निर्माण की प्रक्रिया अंतिम चरण में है. 2020 में पुल का निर्माण शुरू हो जाएगा और 2022 तक बनकर तैयार हो जाएगा, क्योंकि निजी स्वार्थ से हटकर विकास की बातें होती है तो वह विकास समाज हित में होता है और हमारे लिए पार्टी से बढ़कर समाज हित में किया गया काम है. पुल बन जाने से दियारा के किसानों को उपज का उचित कीमत मिलेगा, यातायात सुगम हो जाएगी. उत्तर बिहार से झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा जाना आसान हो जाएगा. स्थानीय चार जिलों को इसका प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा. प्रेसवार्ता के दौरान भाजपा के जिलाध्यक्ष राज किशोर सिंह, भाजपा नेता कुंदन कुमार सिंह एवं मीडिया प्रभारी सुमित सनी के अलावे अन्य भाजपा कार्यकर्ता मौजूद थे. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).
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