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बेगूसराय : पैगाम-ए-इंसानियत कांफ्रेंस आयोजित

नूर आलम

बेगूसराय के मटिहानी प्रखंड क्षेत्र में लालपुर गांव में गुरूवार की रात एजलास-ए-आम का इनाखात किया गया. साथ ही पैगाम-ए-इंसानियत कांफ्रेस भी आयोजित की गई.

इस मौके पर हजारों लोगों से खिताब करते हुए शायर कारी जमशेद जौहर ने अपने शायरी से लोगों को खूब झुमाया. उन्होंने शायरी पढ़ते हुए कहा कि ‘अर्स पर पहुंचकर भी बाखुदा नहीं भूले, हम गरीबों को मुस्तफा नहीं भूले. पत्थरों के जख्मों के आओ भूल जाते हैं, और फले-फूले व दुआ नहीं भूले. मां की याद आई है अश्कवार है आंखे, आज तक इबरा का हादसा नहीं भूले. वहीं दूसरी तरफ सीतामढ़ी वाजपटी के मौलाना मुजाहिद हसनैन ने अपने खिताफ के समां से हजारों लोगों को बांधे रखा. वहीं मुफ्ती वसीअहमद कासमी नायब काजी इमारत सरिया पटना ने अपने संबोधन में कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ हमारी शरीयत के मुताबिक काम कर रही है. मुस्लिम पर्सनल लॉ से जुड़कर चलना चाहिए. वहीं दहेज को नासूर करार दिया और तालीमी जरूरतों को पूरा करने पर जोर दिया. इस मौके पर मो साबिर नजामी ने अपने संबोधन में कहा कि जमाएतुल उल्माए हिन्द का काम जोरों पर कौम के राहवरी के साथ चल रहा है. उन्होंने कहा कि समाज में बढ़ते बुराईयों को जड़ से समाप्त करने के लिए सिर्फ और सिर्फ तालीमीयाफ्ता होना जरूरी है, क्योंकि दुनिया की हर वो चीज अल्लाह ताला ने कुरानमजीद में दे दिया, जिसे पढ़ने से ही हम अच्छे इंसान बन सकते हैं. वहीं मुफ्ती खालिद ने अपने संबोधन में कहा कि लालपुर के सरजमीं पर इतने सारे मजमां को देखकर ऐसा लगता है कि अब लोग अपने कौम की धज्जियां उड़ाए जा रहे गैरइमान वालों की जानीब से अब धीरे-धीरे इमान वाले समझने लगे हैं. यह इस बात की इतनी बड़ी भीड़ गवाह बन रही है. उन्होंने कहा कि मुल्क में जमाएतुल उल्माए हिन्द की जो तहरीब चलायी जा रही है वो कुरान हदीस के दायरे में चलता है.

जलसा में कारी महफूज आलम, मौलाना जहुर अहमद कासमी, खालीद सैफुल्ला साहब कासमी, मौलाना मुफ्ती एैनुलहक अमीनी समेत दर्जनभर उल्माओं ने खिताब किया. साथ ही लालपुर वासिन्दगान को एजलासे आम कराने का शुक्रिया अदा किया. इस अवसर पर जिले के सुदूर गांवा से हजारों मर्द और खातून शरीक हुए. इस मौके पर स्थानीय वासिन्दगान ने हर तरह की सहुलियत मुहैया करायी थी.

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