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…और मछुआरों के दर्द को जानने निकल पड़ी गांव की दुल्हनियां

नूर आलम
बेगूसराय प्रखंड मत्स्यजीवी सहयोग समिति (चांदपुरा) के नवनिर्वाचित प्रबंध समिति सदस्य रंजू कुमारी ने गुरुवार को चलें मछुआरे के द्वार कार्यकम की शुरुआत की है. गृह पंचायत नीमा से इस अभियान का श्रीगणेश हुआ है.
घर-घर पहुंच कर मछुआरे के दर्द से अवगत हुई. उन्होंने कहा कि वर्षों से मछुआरे अपने हक व अधिकार से वंचित रहे हैं. लेकिन, अब समय बदल चुका है. इस अभियान के तहत मछुआरे की समस्याओं से अवगत होंगे. साथ ही उनके हक के लिए आवाज बुलंद करेंगे. इस मौके पर उन्होंने जलकर से वंचित लोगों को भरोसा दिलाया कि मछुआरों को इनका अधिकार दिलाने के लिए मछुआ समिति के नवनिर्वाचित मंत्री ललन कुमार सहनी एवं अध्यक्ष सुरेंद्र कुमार सहनी खुद प्रयत्नशील हैं. चुनाव में किये गए वायदे जल्द ही धरातल पर दिखने लगेगा. वंचितों को अधिकार दिलाना समिति के पदाधिकारियों की सर्वोच्च प्राथमिकता में है.
गत 11 जुलाई 2017 को संपन्न हुए चुनाव में समिति के सदस्यों ने ऐतिहासिक फैसला लेकर ना सिर्फ गत 15 वर्षो से सत्ता में रहे अहंकारियों को पराजित किया, बल्कि सोसाइटी को गुलाम होने से भी बचाने का काम किया है. मछुआरे की लड़ाई की यह बड़ी जीत है. लोकतंत्र में काम नहीं करने वालों को पद पर रहने का कोई अधिकार नहीं है. इसे मतदाताओं ने साबित कर दिखाया है। उन्होंने कहा कि 15 वर्षों की लंबी अवधि के बाद गरीबी का दंश झेल रहे सैकड़ों मछुआरे के चेहरे पर आज की तारीख में खुशियां झलक रही है. उन्हें आशा है कि नवनिर्वाचित मंत्री व अध्यक्ष के कार्यकाल में सोसाइटी से मिलने वाला लाभ एवं उनका हक जरूर मिलेगा.
ज्ञात हो कि नवनिर्वाचित प्रबंध समिति सदस्या रंजू कुमारी पत्रकार अजीत सहनी की पत्नी हैं. कम समय में सामाजिक कार्यों के बदौलत अपनी अलग पहचान बनाये हैं.
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