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बेगूसराय : तेघड़ा में लगने वाले बिहार के सबसे बड़े श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेले पर कोरोना ने लगाया ग्रहण

बेगूसराय जिले के तेघड़ा में प्रसिद्ध कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव मेला पर इस साल कोरोना ने ग्रहण लगा दिया है. पिछले 92 सालो से चले आ रहे इस भव्य आयोजन की परंपरा इस बार टूटने वाली है. कृष्णजन्माष्टमी को लेकर जहां हर वर्ष पूरा इलाका तैयारियों में जुटा रहता था वहीं इस बार यहां मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है.

बता दें कि तेघड़ा में श्रीकृष्णजन्माष्टमी पर पिछले 92 सालों से हर साल तीन दिवादीय भव्य मेला लगता है जो कि बिहार का सबसे बड़ा जन्माष्टमी मेला होता है. लेकिन इस वर्ष कोरोना महामारी तथा बाढ़ ग्रसित होने के कारण मेला का आयोजन अधर में लटक गया है. यहां श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मेला देखने के लिए बिहार के विभिन्न क्षेत्रों से ही नहीं बल्कि विदेश से भी टूरिस्ट आते हैं. नेपाल, पश्चिम-बंगाल, राजस्थान, यूपी, असम, एमपी, उड़ीसा व झारखंड के साथ विदेशों में रहने वाले प्रवासी भारतीय भी आते हैं. रक्षाबंधन के बाद से ही यहां पर और श्रीकृष्ण जन्म उत्सव (जन्माष्टमी) की धूम मचले शुरू हो जाती थी. देश के बड़े-बड़े ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के भव्य मंदिर की तर्ज पर बड़े-बड़े गेट बनाए जाते थे. तकरीबन 15 किलोमीटर से अधिक का एरिया दुल्हन की तरह सजाया जाता था, लेकिन इस वर्ष कोरोना के कारण हर और मातमी सन्नाटा पसरा हुआ है, कहीं कोई सजावट या तामझाम नहीं देखने को मिल रहा है.

सभी मंडप समितियों की बैठक में फैसला लिया गया कि सभी मंडप में परंपरा निभाने के लिए छोटी प्रतिमा रखकर मात्र पूजा-अर्चना कर विसर्जन कर दिया जाएगा. यह फैसला लिया गया कि 12 अगस्त की मध्य रात्रि में भगवान श्री कृष्ण का जन्म होगा 13 अगस्त को गुरुवार होने के कारण उस दिन विसर्जन नहीं होगा सिर्फ आसन की मेला होगा और 14 अगस्त की शाम में मूर्ति का विसर्जन कर दिया जाएगा. (पिंकल कुमार की रिपोर्ट).

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